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Deputy Speaker: डिप्टी स्पीकर पद पर ममता के इस दांव से अखिलेश हो गए खुश, कांग्रेस के मंसूबों पर फिर गया पानी

Deputy Speaker: राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी से फोन पर बात की और स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर चर्चा की। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी ने अयोध्या से नवनिर्वाचित सांसद को डिप्टी स्पीकर बनाने का प्रस्ताव दिया है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 30 Jun 2024 7:52 PM IST (Updated on: 30 Jun 2024 8:08 PM IST)
Deputy Speaker( Social Media Photo)
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Deputy Speaker ( Social Media Photo)

Deputy Speaker: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की है। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह ने संसद के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर ममता बनर्जी से चर्चा की।टीएमसी के शीर्ष सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी ने अयोध्या से नवनिर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद को लोकसभा का डिप्टी स्पीकर बनाने का प्रस्ताव दिया है।

ममता ने रखा गैर कांग्रेसी विपक्षी उम्मीदवार का प्रस्ताव

डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परंपरा है। लेकिन माना जा रहा है कि सपा सांसद अवधेश प्रसाद बीजेपी सरकार के लिए एक कठिन प्रस्ताव हैं क्योंकि सपा सांसद ने अयोध्या (फैजाबाद सीट) से जीत दर्ज की है। वहीं ममता के इस प्रस्ताव से विपक्षी दलों में ही मतभेद सामने आता दिख रहा है। ममता बनर्जी ने एक गैर कांग्रेसी विपक्षी उम्मीदवार का प्रस्ताव रखा है जबकि कांग्रेस डिप्टी स्पीकर का पद खुद चाहती थी।


डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा विपक्ष

विपक्षी इंडिया ब्लॉक डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा हुआ है। लेकिन एनडीए सरकार डिप्टी स्पीकर का पद बगैर चुनाव के विपक्ष को देना नहीं चाहती और यही वजह है कि विपक्ष ने लोकसभा के स्पीकर के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारा था। कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमारा विरोध प्रतीकात्मक और लोकतांत्रिक था, क्योंकि वो (एनडीए) हमें डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दे रहे थे। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी ने भी कहा कि अगर एनडीए सरकार विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद देने पर राजी हो जाती तो स्पीकर के लिए चुनाव नहीं कराना पड़ता।

कौन हैं अवधेश प्रसाद, जिनके नाम का ममता ने रखा प्रस्ताव

अवधेश प्रसाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। लोकसभा चुनाव में वे यूपी की सबसे चर्चित सीटों में से एक फैजाबाद सीट से भाजपा के लल्लू सिंह को हराकर सांसद बने हैं। सांसद बनने से पहले अवधेश प्रसाद अयोध्या जनपद की ही मिल्कीपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक थे। वह लंबे समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी लोगों में भी इनका नाम लिया जाता था।


जनता पार्टी से की राजनीति की शुरुआत

अवधेश प्रसाद ने अपने राजनीति की शुरुआत जनता पार्टी से की थी। वे 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद से तो अवधेश प्रसाद ने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं। वे 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे। अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 54567 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और बीजेपी कैंडिडेट लल्लू सिंह को चुनाव हराया। एक ओर जहां सपा कैंडिडेट अवेधश प्रसाद को 554289 वोट मिले थे तो वहीं लल्लू सिंह को महज 499722 वोट मिले थे।


जानिए कितना अहम है डिप्टी स्पीकर का पद?

लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद भी उतना ही अहम होता है जितना स्पीकर का। संविधान का अनुच्छेद 95 कहता है कि डिप्टी स्पीकर, स्पीकर का काम तब संभालता है जब वो पद खाली हो गया हो या फिर वो गैरमौजूद हों। अगर डिप्टी स्पीकर का पद खाली है और स्पीकर भी मौजूद नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त लोकसभा सांसद सदन की कार्यवाही संभालता है। संविधान ने डिप्टी स्पीकर को भी वही शक्तियां दी हैं जो स्पीकर को दी है।


डिप्टी स्पीकर को इस्तीफा सौंपते हैं स्पीकर

अगर स्पीकर अपने पद से हटना चाहते हैं तो उन्हें अपना इस्तीफा डिप्टी स्पीकर को सौंपना होता है। इसी तरह अगर डिप्टी स्पीकर अपना पद छोड़ना चाहते हैं तो वो अपना इस्तीफा स्पीकर को सौंपते हैं। अगर डिप्टी स्पीकर का पद खाली है तो फिर स्पीकर अपना इस्तीफा लोकसभा महासचिव को देते हैं।ममता बनर्जी ने अपने इस दांव से विपक्षी इंडिया गठबंधन में ही हलचल मचा दी है। अब देखना यह होगा कि क्या एनडीए ममता बनर्जी के इस प्रस्ताव को मानेगा।



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Shalini Rai

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