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Mandi Mosque Case: मंडी में मुसलमानों ने मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराया
Mandi Mosque Case: मंडी में मस्जिद को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आयुक्त कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने पुरानी स्थिति बहाल करने के आदेश दिए हैं।
Mandi Mosque Case: शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मंडी के जेल रोड पर एक मस्जिद के अनाधिकृत हिस्से को खुद ही गिरा दिया। यह निर्माण लोक निर्माण विभाग की जमीन पर किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और पुलिस की एक टीम जेल रोड पहुंची, जहां मस्जिद समिति ने मस्जिद के सामने पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बनी अनाधिकृत सुरक्षा दीवार और कमरे को स्वेच्छा से गिरा दिया। यह कदम तब उठाया गया जब मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी मंगलवार को मंडी नगर निगम आयुक्त की अदालत में सुनवाई के दौरान निर्माण से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड पेश करने में विफल रही।
आयुक्त कोर्ट का फैसला
इस बीच मंडी में मस्जिद को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आयुक्त कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने पुरानी स्थिति बहाल करने के आदेश दिए हैं। साथ ही जेल रोड मस्जिद का अवैध ढांचा गिरना होगा। टीसीपी नियमों की अबहेलना और बिना अनुमति निर्माण करने का आरोप सिद्ध हुआ है। आयुक्त एचएच राणा के कोर्ट ने आज यह फैसला सुनाया। उन्होंने आदेश दिया की 30 दिन के भीतर पुरानी स्थिति बहाल करनी होगी।
उधर, मंडी में प्रदर्शन के दोरान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे गोपाल कपूर ने मांग उठाई कि मस्जिद के बाहर और नीचे की पुरातत्व विभाग से खुदाई करवाई जाए, क्योंकि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राजा ने एक मुसलमान बुनकर को नमाज अता करने के लिए यह जगह दी थी। बाद राजस्व रिकार्ड से छेड़छाड़ कर मस्जिद के नाम कर दी गई भूमि।
जांच समिति का गठन
मंडी में जेल रोड पर कई सालों से खड़ी मस्जिद कथित अवैध विस्तार के कारण जांच के दायरे में है। आरोप है कि मस्जिद संचालकों ने मूल ढांचे के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया और उचित प्राधिकरण के बिना एक स्थायी इमारत का निर्माण कर लिया। मंडी नगर निगम ने मस्जिद संचालकों को कई नोटिस जारी किए, लेकिन कथित तौर पर निर्माण कार्य बेरोकटोक जारी रहा। आयुक्त राणा ने पुष्टि की कि पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बिना नगर निगम ने निर्माण मानचित्र को मंजूरी नहीं दी। चल रहे विवाद के जवाब में नगर निगम ने अतिरिक्त आयुक्त के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति में पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल हैं।