TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पीएम मोदी के बुलेट ट्रेन के सपने पर 'आम' और 'चीकू' ने लगाया तगड़ा ब्रेक

Manoj Dwivedi
Published on: 13 Jun 2018 7:03 PM IST
पीएम मोदी के बुलेट ट्रेन के सपने पर आम और चीकू ने लगाया तगड़ा ब्रेक
X

मुंबई: पीएम नरेंद्र मोदी के बुलेट ट्रेन के सपने पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण को लेकर महाराष्ट्र के आम और चीकू पैदा करने वाले किसानों ने विरोध कर दिया है।

फिर सामने आया पुराने नोटों का ‘जिन्न’, अबकि गंगा की लहरों पर मिले लाखों के नोट

यह है कारण

फल उत्पादक अपनी जमीन के बदले केंद्र सरकार से वैकल्पिक रोजगार की मांग कर रहे हैं। इस विरोध में उन्हें स्थानीय नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है। हालांकि सरकार ने फल उत्पादकों को उनकी जमीन को खरीदने के लिए मार्केट रेट से ज्यादा का ऑफर दिया है। साथ ही रिसेटलमेंट के लिए 5 लाख या 50 फीसदी जमीन की कीमत जो भी ज्यादा हो देने के ऑफर तय किए गए हैं।

जमीन अधिग्रहण में पेंच

फल उत्पादकों के इस विरोध की वजह से इस प्रोजेक्ट की जमीन अधिग्रहम की दिसंबर की डेडलाइन अब और आगे बढ़ सकती है। यही नहीं जापान की फंडिंग पर आधारित इस प्रोजेक्ट में सॉफ्ट लोन की व्यवस्था में भी अडंगा आ सकता है। यह लोन जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजेंसी जारी करेगी।

पेट्रोल, डीजल की कम हो रही कीमतों पर लग गया बुधवार को ब्रेक

यह है बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट

1 - पहली बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर), अधिकतम स्पीड 320 किमी प्रति घंटे।

2- लंबाई करीब 508 किमी। 351 किमी का सफर गुजरात में और 156 किमी का सफर महाराष्ट्र में। दो किमी का ट्रैक केंद्र शासित प्रदेश दादर और नागर हवेली में।

3- रास्ते में 21 नदियों, 70 हाइवे, तीन प्रस्तावित एक्सप्रेस व 30 रेलवे ट्रैक को ट्रेन करेगी पार। बीच रास्ते पड़ेंगे 173 बड़े व 201 छोटे ब्रिज।

4- कुछ स्टेशनों पर रूकने से सफर 2.07 घंटे में और सभी 12 पर रूकने से लगेगा 2.58 घंटे।

5- भारतीय रेलवे और जापान की फर्म शिंकासेन टेक्नॉलजी का संयुक्त प्रोजेक्ट। अनुमानित खर्च करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये।



\
Manoj Dwivedi

Manoj Dwivedi

MJMC, BJMC, B.A in Journalism. Worked with Dainik Jagran, Hindustan. Money Bhaskar (Newsportal), Shukrawar Magazine, Metro Ujala. More Than 12 Years Experience in Journalism.

Next Story