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Mani Shankar Aiyar: मणिशंकर अय्यर का राहुल गांधी से मोह भंग, अब कांग्रेस नेता की जगह ममता बनर्जी की खुलकर वकालत
Mani Shankar Aiyar: मणिशंकर अय्यर अब अपनी टिप्पणियों से कांग्रेस के लिए ही मुसीबत खड़ी करते दिख रहे हैं।
Mani Shankar Aiyar: कभी गांधी परिवार के काफी करीबी माने जाने वाले मणिशंकर अय्यर अब अपनी टिप्पणियों से कांग्रेस के लिए ही मुसीबत खड़ी करते दिख रहे हैं। अब वे गांधी परिवार के बारे में भी खुलकर बयानबाजी करने लगे हैं। पार्टी लाइन से अलग हटते हुए अब राहुल गांधी के बारे में भी उनका सुर पूरी तरह बदल गया है। उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व पर भी भरोसा नहीं रह गया है और उन्होंने राहुल गांधी की जगह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी के नेतृत्व की खुलकर वकालत की है।
ममता बनर्जी में ज्यादा काबिलियत
हाल के दिनों में मणिशंकर अय्यर गांधी परिवार को लेकर खूब टिप्पणियां कर रहे हैं। हाल में उन्होंने गांधी परिवार पर अपना कॅरियर तबाह करने का बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना था कि उनका कॅरियर गांधी परिवार ने ही बनाया और फिर उसे तबाह करने में भी इसी परिवार का हाथ रहा।
अब एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस को नसीहत भी दे डाली है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का नेता बनने से पांव पीछे खींच लेने चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की काबिलियत ममता बनर्जी में ज्यादा है।
कांग्रेस पार्टी को अब इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि वह गठबंधन के नेता की भूमिका न निभाए। ममता बनर्जी और गठबंधन के दूसरे नेताओं में ज्यादा काबिलियत है। इसलिए नेतृत्व का मौका उन्हें दिया जाना चाहिए।
राहुल गांधी से अय्यर का मोह भंग
अय्यर की इस टिप्पणी की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पिछले दिनों ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के नेतृत्व के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। इसके बाद विपक्ष के कई नेताओं ने ममता बनर्जी के नेतृत्व का समर्थन किया था। विपक्षी नेताओं का यह रवैया कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
अब मणिशंकर अय्यर का भी राहुल गांधी से मोह भंग हो गया है और उन्होंने कांग्रेस को नेतृत्व न करने की नसीहत तक दे डाली है। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से ही राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
कांग्रेस अकेली अहम पार्टी नहीं
अय्यर ने कहा कि कांग्रेस में इन दिनों केवल तारीफ कल्चर चल रहा है। यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि विपक्षी गठबंधन को कौन लीड करता है क्योंकि कांग्रेस का स्थान हमेशा अहम बना रहेगा। वैसे इसके साथ यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस अकेली अहम पार्टी नहीं रहेगी। ममता बनर्जी में भी क्षमता है। विपक्षी गठबंधन में दूसरे भी नेता हैं जो गठबंधन को नेतृत्व दे सकते हैं। ऐसे में यदि दूसरे नेता के भीतर नेतृत्व करने की क्षमता है तो उसे नेतृत्व करने का मौका दिया जाना चाहिए।
राहुल गांधी पर नेतृत्व छोड़ने का दबाव बढ़ा
अय्यर के इस बयान से साफ हो गया है कि उन्हें अगर राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा नहीं रह गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपनी स्थिति में सुधार किया था मगर हरियाणा और महाराष्ट्र की हार ने पार्टी को करारा झटका दिया है और राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर विपक्ष में भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। राजद नेता लालू प्रसाद यादव और एनसीपी नेता शरद पवार ने भी ममता बनर्जी को विपक्ष के नेतृत्व की कमान सपना की वकालत की है।
ऐसे में अय्यर ने भी राहुल गांधी के नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करते हुए ममता बनर्जी की वकालत कर डाली है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विपक्षी दलों के बीच नेतृत्व का यह सवाल और गंभीर हो जाएगा। राहुल गांधी के ऊपर बढ़ता यह दबाव कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है।