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Manipur violence: मणिपुर में फिर खूनी झड़प, जातीय समूहों में गोलीबारी...2 की मौत, बीजेपी नेता सहित 5 घायल

Manipur violence: कांगपोकपी जिले में जातीय समूहों के बीच गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। एक बीजेपी नेता सहित पांच अन्य घायल हो गए। मई, 2023 के बाद से रह-रहकर मणिपुर सुलग रहा है।

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Published on: 30 Jan 2024 4:53 PM GMT (Updated on: 30 Jan 2024 5:08 PM GMT)
Manipur violence
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 प्रतीकात्मक चित्र (Social Media) 

Manipur violence: मणिपुर एक दहल गया। कांगपोकपी जिले (Kangpokpi District) में दो जातीय समूहों के बीच गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, एक बीजेपी नेता सहित 5 अन्य घायल हो गए। यह घटना निकटवर्ती इम्फाल पश्चिम जिले के लामशांग इलाके में कडांगबंद गांव के पास एक शिविर में हुई। गौरतलब है कि, पिछले साल मई महीने से पूर्वोत्तर राज्य में व्याप्त जातीय संघर्ष में खूनी खेल बंद होने का नाम नहीं ले रहा। लगातार हिंसक घटनाएं हो रही हैं।

आज की घटना पर मीडिया से बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'अज्ञात बंदूकधारियों के हमले के बाद, गांव के स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की। इसी के बाद गोलीबारी शुरू हो गई। जिसमें एक स्वयंसेवक की जान चली गई, जबकि दूसरा घायल हो गया।' शुरुआती बातचीत के बाद, हमलावर फिर से संगठित हो गए और दोबारा हमला किया। खबर लिखे जाने तक गोलीबारी जारी थी।

अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी क्षेत्र में भेजे गए

मणिपुर हिंसा के मद्देनजर कडांगबंद तथा पड़ोसी कौट्रुक गांव की कई महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने सुरक्षित जगहों पर शरण ले ली है। स्थानीय अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि, व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को क्षेत्र में भेजा गया है।

जातीय तनाव का खामियाजा भुगत रहे लोग

घायलों को इंफाल के लिए क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया है। कौट्रुक और कदांगबंद गांवों को बढ़ते जातीय तनाव का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दो विरोधी समुदायों के सशस्त्र गुटों के बीच अब तक कई झड़पें देखी गई हैं। आज की घटना में कुल पांच घायलों में एक बीजेपी नेता भी शामिल हैं।

क्यों सुलग रहा मणिपुर?

ज्ञात हो कि, 3 मई 2023 को चुराचांदपुर जिले में एक आदिवासी समर्थक मार्च के दौरान राज्य में झड़पें हुईं थीं। विरोध मार्च बहुसंख्यक मैतेई समुदाय (meitei community) की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ बुलाया गया था। मैतेई समुदाय के पक्ष में तत्कालीन हाईकोर्ट के एक आदेश से भी मैतई और कुकी आदिवासी समुदायों के बीच तनाव बढ़ा।

मणिपुर हिंसा में अब तक 180 की मौत

पिछले साल मई से अब तक मणिपुर में मैतेई और कुकी आदिवासियों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ हथियार उठाने के साथ जमकर रक्तपात देखा गया है। लंबे वक़्त से चले आ रहे संघर्ष में 180 से भी अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। कई हजार लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं वो राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं। आपको बता दें, मैतेई लोग मणिपुर की आबादी का करीब 53 फीसद हिस्सा बनाते हैं। ये मुख्य रूप से इंफाल के आसपास के घाटी क्षेत्रों में बसे हैं। वहीं, कुकी आदिवासी पहाड़ियों में ज्यादातर निवास करते हैं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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