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Manipur Violence: मणिपुर में जारी है खूनी खेल, उपद्रवियों ने महिला को गोलियों से भूना, ट्रकों में लगाई आग
Manipur Violence : इंफाल. बीजेपी शासित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर बीते दो माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। तमाम कवायदों के बावजूद हिंसा पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है।
Manipur Violence : इंफाल. बीजेपी शासित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर बीते दो माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। तमाम कवायदों के बावजूद हिंसा पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था अपने हाथों में लेने के बावजूद हालात में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। हथियारबंद मैतेई और कुकी-नागा समूहों के बीच हिंसक झड़प का दौर जारी है। जिसमें लगातार निर्दोष लोगों की जान जा रही है।
शनिवार को पूर्वी इंफाल जिले में अपने घर के बाहर खड़ी एक महिला को हथियारबंद लोगों ने गोलियों से भून डाला। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कुछ उपद्रवी सावोमबुंग इलाके में आए और वहां अपने घर के बाहर खड़ीं एक 50 वर्षीय महिला के चेहरे पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। मौके पर ही महिला की मौत हो गई। गोलियों की अचानक इस तरतराहट से इलाके में अफरातफरी मच गई। जानकारी के मुताबिक, महिला मरिंग नागा समुदाय से थीं। मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में मैतेई एक पाले में हैं और उनके विरोध में कुकी और नागा जैसी जनजातियां दूसरे पाले में खड़ी हैं। मणिपुर पुलिस और सेना के जवानों ने घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया है। आसपास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।
दरअसल, कुछ दिनों पहले 6 जुलाई को इंफाल पश्चिम जिले में भी एक ऐसी ही घटना हुई थी, स्कूल के बाहर खड़ी एक महिला को हथियारबंद लोगों ने गोली मार दी थी। कल यानी शनिवार 15 जुलाई को इसी जिले में उपद्रवियों ने तीन खाली ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। मणिपुर हिंसा में आम लोगों के अलावा बड़े नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया है।
विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर
एक भाजपा शासित राज्य में बीते दो माह से जारी हिंसा को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस समेत अन्य बीजेपी विरोधी पार्टियां केंद्र सरकार को नाकाम करार देते हुए वहां की बीरेन सिंह सरकार को लगातार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी विपक्षी नेता हमलावर हैं। शनिवार को पूर्व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा।
3 मई से जारी है हिंसा का दौर
उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर 3 मई 2023 से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के तमाम दावों के विपरीत वहां के हथियाबंद गुटों के हौंसले बुलंद हैं। अब तक इस हिंसा की आग में कई निर्दोष लोगों की भेंट चुकी है। आधिकारिक आंकड़े की बात करें तो इसकी संख्या 150 है। 10 हजार से अधिक लोग जख्मी हुए हैं, 65 हजार से अधिक लोग शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। राज्य में अब 144 लोगो की गिरफ्तारी हुई है। हिंसा पर काबू पाने के लिए 40 आईपीएस अफसर और 36 हजार सुक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।