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Manipur दरिंदगी मामले में गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, वायरल वीडियो की CBI करेगी जांच, राज्य में 35,000 सुरक्षा बल तैनात
Manipur Violence: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मणिपुर के वायरल वीडियो मामले की सुनवाई राज्य से बाहर कराने का अनुरोध करेगी।
Manipur Violence: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर मणिपुर के वायरल वीडियो मामले की सुनवाई राज्य से बाहर कराने का रिक्वेस्ट करेगा। गृह मंत्रालय (MHA) मणिपुर वायरल वीडियो मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को भेज दिया है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो जनजातीय महिलाओं से दरिंदगी का शर्मनाक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था। जिस मोबाइल से यह वीडियो रिकॉर्ड किया गया था, वह बरामद हो गया है।
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदाय (Kuki and Meitei Community) के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत कर चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों ही समुदायों से छह दौर की बातचीत हुई है। गृह मंत्रालय मैतई और कुकी समूहों के लगातार संपर्क में है। मणिपुर में स्थिति सामान्य करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। बातचीत भी अंतिम चरण में है। कुकी तथा मैतई के बीच में बफर जोन (Buffer Zone) बनाया गया है।
मणिपुर में रिजर्व फोर्स अलर्ट मोड पर
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की दो जनजातीय महिलाओं का निर्वस्त्र परेड वीडियो की जांच गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंप दी है। मामले की सुनवाई मणिपुर राज्य से बाहर होगी। इस मामले में सीबीआई जल्द केस दर्ज करेगी। मंत्रालय ने कहा है कि, महिलाओं के साथ इस बर्बर घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। आजतक ने बताया है कि जिस व्यक्ति ने अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड किया था, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य में फिलहाल पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है। कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए रिजर्व फोर्सेज को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
भारत-म्यांमार सीमा (India-Myanmar border) पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास जारी हैं। अब तक मणिपुर-मिजोरम सीमा (Manipur-Mizoram Border) पर 10 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। साथ ही, सर्वे का काम भी युद्धस्तर पर जारी है। प्रयास ये है कि पूरे बॉर्डर पर कंटीले तार लगाए जाएं। केंद्रीय एजेंसियों को जल्द से जल्द सीमा पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
आपको बता दें, मणिपुर में बीते कई वर्षों से भारत-म्यांमार बॉर्डर समझौते के तहत दोनों देशों के लोग 40 किलोमीटर तक बे-रोकटोक आ सकते हैं। ऐसे में म्यांमार से आकर कोई शख्स भविष्य में भारत का 'अवैध नागरिक' न बन जाए, इसके लिए सरकार निगेटिव बायोमीट्रिक स्कैन (Negative Biometric Scan) करेगी। इसके तहत जो भी आएगा, उसका बायोमेट्रिक स्कैन होगा। ये आधार के रिकॉर्ड से लिंक किया जाएगा। ताकि ऐसे लोग भारत के फर्जी नागरिक (Fake Citizen in India) न बन जाएं।