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Delhi Liquor Policy Case: शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, 11 दिसंबर तक बढ़ी हिरासत
Delhi Liquor Policy Case: आप नेता की ईडी कस्टडी आज समाप्त हो रही थी, इसलिए उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि को 11 दिसंबर तक बढ़ाने का आदेश सुनाया।
Delhi Liquor Policy Case: चर्चित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आज एकबार फिर कोर्ट के फैसले से निराशा हाथ लगी है। दरअसल, आप नेता की ईडी कस्टडी आज समाप्त हो रही थी, इसलिए उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि को 11 दिसंबर तक बढ़ाने का आदेश सुनाया। मंगलवार को मनीष सिसोदिया के अलावा अन्य आरोप को भी अदालत में पेश किया गया ।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों के वकील से पूछा कि आप मामले के ट्रायल में देरी करना चाहते हैं ? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम नहीं बल्कि ईडी देरी कर रही है। आरोपियों के वकील ने कहा कि ईडी की वजह से ट्रायल में देरी हो रही है। हमारी अर्जियों पर ईडी तीन महीने से जवाब दाखिल नहीं कर रही है।
11 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
प्रवर्तन निदेशालय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि सभी जरूरी दस्तावेज आरोपियों को पहले ही मेल पर दी जा चुकी है। सभी ऑरिजनल दस्तावेज स्कैन करके भी दिखा दिया गया था। इस पर कुछ आरोपियों की तरफ से कहा गया कि कुछ दस्तावेज एजेंसी ने हमें आज ही मेल किए हैं। अभी उन दस्तावेजों की जांच करनी है। इस पर कोर्ट ने आरोपियों के वकील को दस्तावेजों की जांच के लिए 2 हफ्ते का समय दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी ने 338 करोड़ रूपये का लेन-देन स्थापित किया है, ऐसे में मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं दी जा सकती। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में एक जगह सिसोदिया को थोड़ी राहत देते हुए जरूर कहा कि अगर छह माह में निचली अदालत में मुकदमा खत्म नहीं होता, तो सिसोदिया जमानत के लिए दोबारा आवेदन दे सकते हैं।
फरवरी से सलाखों के पीछे हैं सिसोदिया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा पॉवरफुल माने जाने वाले मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग का भी जिम्मा था। आरोप है कि जो आबकारी नीति (2021-2022) बनाई गई, उससे राज्य सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब कारोबियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया। इस मामले में ईडी का आरोप है कि सिसोदिया की गतिविधियों के कारण लगभग 622 करोड़ रूपये की अपराध आय उत्पन्न हुई है।
सीबीआई ने इस साल 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया। अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया। जहां 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। बता दें कि वर्तमान में मनीष सिसोदिया के अलावा राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी शराब घोटाला मामले में जेल में हैं।