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Manish Sisodia Bail: मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद तिहाड़ से रिहा, बोले- तानाशाही से जेल में डाला, संविधान ने बचाया

Manish Sisodia Bail: सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। करीब 17 महीने बाद मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आ गए हैं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 9 Aug 2024 9:56 PM IST
Manish Sisodia released from Tihar after 17 months, said- put in jail due to dictatorship, saved by the Constitution
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मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद तिहाड़ से रिहा, बोले- तानाशाही से जेल में डाला, संविधान ने बचाया: Photo- Social Media

Manish Sisodia Bail: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया शुक्रवार शाम जेल से बाहर आए। इस मौके पर आप कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में जेल के बाहर जमा होकर सिसोदिया के रिहा होने का जश्न मनाया। रिहाई के समय मनीष सिसोदिया के साथ आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी नजर आए। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि वह बाबा साहब के संविधान की बदौलत ही जेल से बाहर आ पाए हैं और आधार पर केजरीवाल भी जल्द ही छूटेंगे।

तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शीर्ष अदालत से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। मनीष सिसोदिया 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे। कथित शराब घोटाले में ट्रायल शुरू होने में हुई देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसोदिया को जमानत दे दी है। जमानत मिलने के बाद उनके तिहाड़ से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था और वह जेल से बाहर आ गए।

जेल नंबर-1 में बंद थे

बता दें कि मनीष सिसोदिया तिहाड़ की जेल नम्बर-1 में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को इस पर फैसला देते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि 17 महीने की लंबी कैद और मुकदमा शुरू न होने के कारण उन्हें सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है।

17 महीने जेल में रहे सिसोदिया

मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि पिछले 2 साल से भाजपा आम आदमी पार्टी के साथ सांप-सीढ़ी का खेल खेल रही है और षड्यंत्र के ऊपर षड्यंत्र कर रही है। उनकी प्लानिंग है कि किसी भी तरीके से अरविंद केजरीवाल और पूरी पार्टी को जेल के अंदर बंद रखो और पार्टी को तोड़ो। इनका मकसद पार्टी के शीर्ष नेताओं को जेल में रखकर चुनाव लड़ने से दूर रखना था। मनीष सिसोदिया को मोदी सरकार ने तानाशाही करके 17 महीनों तक जेल के अंदर बंद रखा।

Photo- Social Media

तानाशाही की एक समय सीमा होती है

संदीप पाठक ने कहा कि इतिहास गवाह है कि तानाशाही की एक समय सीमा होती है। इनकी एक लाइफ होती है, जिसके बाद उनकी एक्सपायरी डेट आ जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने आज जो निर्णय दिया है वह मोदी सरकार की तानाशाही की एक्सपायरी डेट की शुरुआत है। आज जो मनीष सिसोदिया को जमानत मिली है उसमें सुप्रीम कोर्ट ने बड़े स्पष्ट तरीके से कहा है कि आप जनता के साथ सांप सीढ़ी का खेल नहीं खेल सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी तक केस का ट्रायल भी शुरू नहीं हो पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसियों को बुरी तरीके से लताड़ा है और कहा है कि यह सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आर्टिकल 21 को हाईलाइट किया गया है और मनीष सिसोदिया को जमानत दी गई है।

उन्होंने कहा कि जेल से बाहर आकर मनीष सिसोदिया स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उनके काम पर कोई रोक नहीं लगाई है। मनीष सिसोदिया के बाद जल्द ही अरविंद केजरीवाल भी जेल से बाहर आएंगे। आम आदमी पार्टी जिस जोश के साथ देश के लिए काम कर रही थी, आगे बढ़ रही थी जल्द ही वह फिर से शुरू हो जाएगा।

शनिवार सुबह राजघाट जाएंगे सिसोदिया

आप नेता ने बताया कि मनीष सिसोदिया कल सुबह करीब 9 बजे राजघाट जाएंगे। राजघाट के बाद मनीष सिसोदिया करीब 10ः00 बजे मंदिर जाएंगे और उसके बाद वह 11:00 बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया हमारे वरिष्ठ नेता हैं और वह बाहर आकर लीड करेंगे।

इन शर्तों पर मिली है जमानत

मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके भागने की आशंका भी नहीं है। साथ ही ये भी कहा कि इस मामले में ज्यादातर सबूत भी जुटाए जा चुके हैं, इसलिए उनके साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, गवाहों को प्रभावित करने या डराने के मामले में उनपर शर्तें लगाई जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 10 लाख के मुचलके पर जमानत दी है। साथ ही दो बड़ी शर्तें भी लगाई हैं। पहली शर्त ये है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और दूसरी शर्त ये कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी लगानी होगी।

सीबीआई-ईडी की अपील खारिज

फैसला सुनाए जाने के बाद सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से अरविंद केजरीवाल मामले की तरह ही शर्तें लगाने का अनुरोध किया था। एएसजी राजू ने कोर्ट से अपील की थी कि केजरीवाल की तरह ही सिसोदिया पर सचिवालय जाने पर रोक लगाई जाए। हालांकि, कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया।



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Shashi kant gautam

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