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मनीष सिसोदिया बोले- दिल्ली को 'मच्छर मुक्त' बनाने के लिए उपाय शुरू कर दिए

बीते दो सालों में जल जनित रोगों को रोकने के लिए काफी देर से कदम उठाने को लेकर हुई किरकिरी के मद्देनजर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार (13 मई) को घोषणा की कि दिल्ली सरकार ने बारिश के मौसम से काफी पहले शहर को 'मच्छर मुक्त' करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

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Published on: 14 May 2017 3:53 AM IST
मनीष सिसोदिया बोले- दिल्ली को मच्छर मुक्त बनाने के लिए उपाय शुरू कर दिए
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मनीष सिसोदिया बोले- दिल्ली को मच्छर मुक्त बनाने के लिए उपाय शुरू

नई दिल्ली, (आईएएनएस): बीते दो सालों में जल जनित रोगों को रोकने के लिए काफी देर से कदम उठाने को लेकर हुई किरकिरी के मद्देनजर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार (13 मई) को घोषणा की कि दिल्ली सरकार ने बारिश के मौसम से काफी पहले शहर को 'मच्छर मुक्त' करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसे रोगों को रोकने की तैयारी को लेकर संवाददाताओं से बातचीत में सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नगर निगम के आयुक्तों सहित सभी पक्षों के साथ बैठक की और दिल्ली को मच्छर मुक्त करने के लिए जल्द ही एक व्यापक योजना लाई जाएगी।

उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने एक व्यापक प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया है, जिसके लिए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगम तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के संबंधित अधिकारी काम करेंगे। हमें दिल्ली को मच्छर मुक्त बनाने का एक तरीका ढूंढ़ना है।"

सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही रोकथाम संबंधी उपाय किए, ताकि मॉनसून आने से पहले उपाय धरातल पर लाए जा सकें।

उपमुख्यमंत्री के मुताबिक, सरकार ने अस्पतालों को 10-20 फीसदी बिस्तर बुखार के इलाज के लिए रखने और अतिरिक्त बुखार क्लीनिकों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।

सिसोदिया ने कहा, "अस्पताल में बिस्तरों के बारे में ऑनलाइन जानकारी लेने की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है और मरीजों की मदद के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है।" उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में दवाओं तथा जांच की कीमतों को तय किया जाएगा, ताकि डेंगू तथा चिकनगुनिया के मरीजों से अतिरिक्त रकम न वसूली जाए।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में डेंगू के 4,431, जबकि चिकनगुनिया के 9,749 मामले सामने आए। अब तक भारत में इतनी संख्या में डेंगू व चिकनगुनिया के मामले सामने नहीं आए थे। साल 2015 में डेंगू के सर्वाधिक 15,876 मरीज सामने आए थे और इससे 60 लोगों की मौत हुई थी।

मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी तरीके से काम न करने के आरोपों को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार तथा तीनों नगर निगमों के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई करने वाला दिल्ली उच्च न्यायालय भी चाहता था कि नागरिक एजेंसियां इस साल शुरुआत से ही काम करना शुरू कर दें, ताकि राजधानी में मॉनसून से पहले उपायों को धरातल पर उतारा जा सके।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने नगर निगमों से यह भी कहा है कि वे न्यायालय को उन अधिकारियों के नाम बताएं, जो राष्ट्रीय राजधानी में इस बात को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि इस साल डेंगू व चिकनगुनिया के मामले नहीं आएंगे।

न्यायालय ने यह भी कहा है कि दिल्ली में कई अस्पतालों का पूरी तरह इस्तेमाल नहीं होता और इस तरह की बीमारियों के प्रकोप के वक्त बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एमडीएमसी) के मुताबिक, इस साल पहले चार महीनों के दौरान चिकनगुनिया के कम से कम 80 तथा डेंगू के 30 मामले सामने आ चुके हैं।

ये मामले तब सामने आए हैं, जब दिल्ली में इन बीमारियों का प्रकोप जुलाई से दिसंबर के बीच होता है।



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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