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कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना... क्या नीतीश हो गया है दीवाना ?

Rishi
Published on: 27 May 2017 3:46 PM GMT
कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना... क्या नीतीश हो गया है दीवाना ?
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पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोज कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने पर चुटकी लेते हुए कहा कि 'कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना' वाली कहावत को नीतीश चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने नीतीश पर दोरंगी राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी से नजदीकी बनाए रखना चाहते हैं, ताकि आने वाले समय में नीतीश प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पद पर मनोनीत हो सकें। वह एक तरफ महागठबंन में भी बने रहना चाहते हैं और दूसरी तरफ मोदी से भी नजदीकी बनाए रखना चाहते हैं।"

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उन्होंने कहा कि नीतीश एक तरफ भाजपा का विरोध करते हैं और दूसरी तरफ मोदी से संबंध बनाए रखना चाहते हैं। इसी से नीतीश कुमार की मंशा को समझा जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पद पाने के लिए नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं।

मांझी ने कहा, "नीतीश विपक्ष की बैठक में शरद यादव को भेजकर यह दिखाते हैं कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के साथ हैं और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री के भोज में शामिल होने के लिए खुद जाते हैं, जिससे भाजपा के लोगों को दिख सके कि वह उनके साथ भी हैं। वह दोनों तरफ बने रहना चाहते हैं। उनकी यह राजनीति चलने वाली नहीं है।"

मांझी ने कहा, "बिहार सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में मछुआ समिति में आरक्षण को खत्म कर दिया। मछुआ समिति में 10 सदस्यों में छह सदस्य मछुआरा और निषाद समाज के लोगों को लिए आरक्षित था, जिसे राज्य सरकार ने खत्म कर दिया। ऐसा करके राज्य सरकार ने मछुआरा समाज से आने वाले अति पिछड़ा समाज के लोगों पर कुठाराघात किया है।"

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ दलितों के उत्थान का खोखला दावा करती है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता डॉ़ दानिश रिजवान ने नीतीश सरकार द्वारा मत्स्यजीवी सहयोग समिति में दलित-आदिवासी एवं पिछड़ी जाति के लोगों का आरक्षण खत्म करने का कड़ा विरोध किया है।

उन्होंने कहा, "कथित पिछड़ों की सरकार पिछड़ी जाति और दलितों के आरक्षण को खत्म कर रही है। आज मत्स्यजीवी सहयोग समिति में आरक्षण खत्म किया गया है, आगे बाकी क्षेत्रों में आरक्षण खत्म करने की साजिश चल रही है।"

नीतीश सरकार पर दलित पिछड़ों में फूट डालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार बाताएं कि मछली से जुड़े व्यवसाय बाकी जाति के लोग नहीं करते हैं क्या? और अगर करते हैं तो उनको मत्स्यजीवी सहयोग समिति में उचित भागीदारी क्यों न मिले।"

उन्होंने चेतावनी दी कि नीतीश कुमार अपना जातिवादी फरमान वापस लें, अन्यथा हमारी पार्टी दलित पिछड़ों के आरक्षण को बचाने के लिए सड़क पर आंदोलन करेगी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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