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UPSC Lateral Entry: मनमोहन सिंह और अहलूवालिया भी लेटरल एंट्री से ही घुसे थे, मेघवाल ने राहुल गांधी को दिया तीखा जवाब

UPSC Lateral Entry: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसी सैकड़ों नियुक्तियां की गई हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 20 Aug 2024 9:09 AM IST
UPSC Lateral Entry
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UPSC Lateral Entry (Pic: Social Media)

UPSC Lateral Entry: सरकारी पदों पर लेटरल एंट्री को लेकर इन दिनों देश की सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस ने लेटरल एंट्री के मुद्दे पर हमला तेज करते हुए भाजपा पर आरक्षण छीनने का आरोप लगाया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों की भर्ती के लिए लेटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। उन्होंने भाजपा पर बहुजनों से आरक्षण छीनने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर भाजपा ने भी कांग्रेस को तीखा जवाब दिया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसी सैकड़ों नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि लेटरल एंट्री से ही मनमोहन सिंह को वित्त सचिव और मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया था।

मनमोहन और अहलूवालिया की दिलाई याद

कानून मंत्री ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता का संवैधानिक पद संभालने के बावजूद गांधी गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोज नए-नए आरोप लगा रहे हैं। राहुल गांधी को यह बात पता होनी चाहिए कि डॉ. मनमोहन सिंह भी लेटरल एंट्री का हिस्सा थे। आपने 1976 में उन्हें सीधे वित्त सचिव कैसे बना दिया?

राहुल गांधी को यह बात भी याद रखनी चाहिए कि तत्कालीन योजना आयोग उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया लेटरल एंट्री के जरिए सेवा में आए थे। कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि शीर्ष पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए ये नियुक्तियां क्यों की गई थीं?


उन्होंने कांग्रेस को यह भी याद दिलाया कि सोनिया गांधी को राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) का प्रमुख बनाया गया था। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक है। क्या एनएसी एक संवैधानिक संस्था है? उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री से ऊपर रखा गया था।

कांग्रेस का इतिहास आरक्षण विरोधी

मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस को पता होना चाहिए कि उसका इतिहास सदैव आरक्षण व्यवस्था के विरोधी का रहा है। 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि आरक्षण की व्यवस्था प्रशासनिक ढांचे में योग्यता को नष्ट कर देगी। ओबीसी आरक्षण पर काका कालेलकर समिति की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने से तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इनकार कर दिया था।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी राजीव गांधी ने सदन में कहा था कि वे मंडल आयोग की सिफारिशों के खिलाफ हैं। कांग्रेस आज लेटरल एंट्री का विरोध कर रही है मगर 2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाले दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग ने इसकी सिफारिश की थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में शीर्ष से प्रशासनिक पदों पर विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति का सुझाव दिया था ताकि कामकाज की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।

लोगों को गुमराह कर रहे राहुल गांधी

कानून मंत्री ने राहुल गांधी के के इस आरोप को भी निराधार बताया कि इस तरीके से आरएसएस के लोगों को लोकसेवक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री प्रणाली को व्यवस्थित बनाया। उन्होंने कहा कि जो भी भर्ती या नियुक्ति की जानी है, वह यूपीएससी के माध्यम से की जाएगी। ऐसे में भाजपा या आरएसएस के लोगों को भरने का मुद्दा कहां से पैदा हो गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी झूठ फैला कर लोगों को गुमराह करने और यूपीएससी जैसी संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों को झूठ फैला कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी चाहे जितनी भी कोशिश कर लें मगर उन्हें इसमें कोई कामयाबी नहीं मिलने वाली है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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