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Mann ki Baat: पीएम मोदी ने 15 अगस्त को हर घर तिरंगा फहराने की अपील की, बाढ़-बारिश को लेकर कही ये बातें

Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (30 जुलाई) को अपने मन की बात कार्यक्रम जरिए देश के लोगों को संबोधित किया।

Jugul Kishor
Published on: 30 July 2023 7:56 AM IST (Updated on: 30 July 2023 11:55 AM IST)

Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (30 जुलाई) को अपने मन की बात कार्यक्रम जरिए देश के लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 'हर घर तिरंगा अभियान' के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से हर घर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है। इन प्रयासों से हमें अपने कर्तव्यों का बोध होगा, देश की आजादी के लिए दिए गए असंख्य बलिदानों का बोध होगा, आजादी के मूल्य का ऐहसास होगा। इसलिए हर देशवासी को इन प्रयासों से जरूर जुड़ना चाहिए।

'मन की बात' कार्यक्रम की बड़ी बातें

पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएँ भी हुई हैं। इसी दौरान देश के पश्चिमी हिस्से में कुछ समय पूर्व गुजरात के इलाकों में बिपरजॉय साइक्लोन भी आया। लेकिन साथियों इन आपदाओं के बीच हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है।

पीएम मोदी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने हमारे NDRF के जवानों ने स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है। किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है। लेकिन, इसके साथ ही हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना उतनी ही अहम होती है। सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है।

बारिश का यही समय वृक्षारोपण और जल संरक्षण के लिए भी उतना ही जरुरी होता है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं।

MP में लोगों ने जल संरक्षण का काम किया

कुछ समय पहले मैं मध्य प्रदेश के शहडोल गया था। वहाँ मेरी मुलाकात पकरिया गाँव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई थी। वहीं पर मेरी उनसे प्रकृति और पानी को बचाने के लिए भी चर्चा हुई थी। अभी मुझे पता चला है कि पकरिया गाँव के आदिवासी भाई-बहनों ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। यहाँ प्रशासन की मदद से लोगों ने करीब सौ कुओं को वॉटर रिचार्ज सिस्टर के रूप में बदल दिया है।

यूपी ने एक दिन में 30 करोड़ पेड लगाने का रिकार्ड बनाया

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकार्ड बनाया गया है। इस अभियान की शुरुआत राज्य सरकार ने की उसे पूरा वहाँ के लोगों ने किया। ऐसे प्रयास जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं। मैं चाहूँगा कि हम सब भी पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें।

पीएम मोदी ने सावन महीने की चर्चा की

पीएम मोदी ने कहा कि इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही सावन हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इसलिए सावन का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है । सावन के झूले, सावन की मेहँदी, सावन के उत्सव यानि 'सावन' का मतलब ही आनंद और उल्लास होता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे ये पर्व और परम्पराएँ हमें गतिशील बनाते हैं। सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त काँवड़ यात्रा पर निकलते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि सावन की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। आपको ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुँचने वाले लोगों की संख्या भी रिकार्ड तोड़ रही है। अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुँच रहे हैं। दुनिया भर से लोग हमारे तीर्थों पर आ रहे हैं। मुझे ऐसे ही दो अमेरिकी मित्रों के बारे में पता चला जो कैलिफोर्निया से अमरनाथ यात्रा के लिए आए थे।

उत्तराखंड की माताओं बहनों ने भावुक कर देने वाले पत्र लिखे

देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र मुझे लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं। उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि - उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा 'भोजपत्र', उनकी आजीविका का साधन, बन सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अमेरिका में भारत को सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं को अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये टेराकोटा स्टोन और मेटल से बनायी गयीं हैं। इनमें कुछ तो ऐसे हैं तो आपको आश्चर्य से भर देंगी। पीएम मोदी ने कहा, अगर आप उसे देखेंगे तो देखते रह जाएंगे।

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