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गोवा असेंबली में पर्रिकर ने पास किया फ्लोर टेस्ट, समर्थन में 22 और विरोध में पड़े 16 वोट
नोहर पर्रिकर सरकार ने 16 मार्च को असेंबली में फ्लोर टेस्ट पास किया। मनोहर पर्रिकर के समर्थन में 22 और विरोध में 16 वोट पड़े।
पणजी: गोवा की मनोहर पर्रिकर सरकार ने गुरुवार (16 मार्च) को असेंबली में फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। गोवा के सीएम और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को 40 विधायकों वाली असेंबली में से 22 विधायकों ने उनके समर्थन में वोट दिया तो वहीं 16 विधायकों ने पर्रिकर के विरोध में वोट डाले। एक कांग्रेस विधायक ने सदन से वॉक आउट किया। पणजी से बीजेपी एमएलए सिद्धार्थ को फ्लोर टेस्ट के लिए गोवा विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने वाले कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
मनोहर पर्रिकर ने क्या कहा ?
-मनोहर पर्रिकर ने कहा कि दिग्विजय सिंह का ये दावा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या है, झूठा साबित हो गया।
-मैं शुरुआत से ही कह रहा था कि उनके पास आंकड़ा नहीं है।
-लिहाजा दिग्विजय को कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी पोस्ट से इस्तीफा दे देना चाहिए।
-ये गठबंधन की सरकार है। फैसले भी गठबंधन ही लेगा।
-हर विधायक आया और उसने वोट किया।
-किसी को भी होटल के रूम या किसी गुप्त स्थान पर नहीं रखा गया था, जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा था।
-आरोप उन्हीं लोगों ने लगाए जो रंगीन चश्मा पहने हुए थे।
मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार (14 मार्च) को चौथी बार गोवा के सीएम पद की शपथ ली थी। कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के दावे को डेमोक्रेसी का मर्डर करार देते हुए कांग्रेस पर्रिकर को सीएम अप्वाइंट किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।
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वहां कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अगर आपके पास संख्या है तो संख्याबल के साथ गवर्नर के पास क्यों नहीं गए ? उन्होंने पर्रिकर के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन फ्लोर टेस्ट 16 मार्च को कराने के लिए कहा।
बता दें कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद अब रक्षा मंत्री का एडिशनल चार्ज वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपा गया है।बीजेपी की तरफ से सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के बाद गोवा की गवर्नर मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को सीएम नियुक्त किया था।
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अगली स्लाइड में पढ़ें सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए क्या कहा था ?
और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते तो हमारे लिए फैसला लेना आसान होता। कोर्ट ने मुताबिक, अगर आपके पास संख्या बल था तो पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था।
कोर्ट में कांग्रेस ने क्या कहा ?
याचिका पर सुनवाई के दौरान कांग्रेस की और से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं। चुनाव के नतीजों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है. राज्यपाल को इस मामले में सबसे बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी। गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए. बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
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कांग्रेस ने लगाया ये आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगे है कि बीजेपी को कम सीट मिलने के बाद भी सरकार बनाने के लिए कहना संविधान के नियमों के अनुरूप नहीं है। यही वजह है कि पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम ने बीजेपी पर निशाना साधा। चिदंबरम ने कहा कि दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई हक नहीं है। बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ की है।