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मनोहर पर्रिकर ने ली चौथी बार गोवा के सीएम के रूप में शपथ, 16 मार्च को होगा फ्लोर टेस्ट
पणजी: पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज भवन में एक सादे समारोह में चौथी बार गोवा के सीएम के रूप में शपथ ली। गोवा की गवर्नर मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को सीएम पद की शपथ दिलाई। शपथ समारोह में अमित शाह, नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू समेत बीजेपी के कई आला नेता मौजूद थे। उनके साथ 8 विधायकों ने भी मंत्री की शपथ ली।
मनोहर पर्रिकर पहली बार 24 अक्टूबर, 2000 में गोवा के सीएम बने थे। वो साल नवंबर 2014 से मार्च 2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे। वो अभी अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी।
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शपथ लेने के बाद क्या बोले पर्रिकर ?
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री पर्रिकर ने पूछा कि अगर कांग्रेस के पास बहुमत था तो वो राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने क्यों नहीं गई ? बीजेपी ने सिर्फ गोवा का विकास करने के लिए यहां सरकार बनाई है। कोई भी विधायक कांग्रेस को सपोर्ट नहीं करना चाहता था।
सीएम बनने वाले पहले आइटियन
पर्रिकर देश के पहले आईआईटीएन हैं, जो सीएम बने। साल 1978 में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल में इंजीनियरिंग की। पर्रिकर एक ऐसे नेता हैं, जिनकी छवि पर आज तक कोई दाग नहीं है। अपनी साफ-सुथरी छवि के चलते ही पर्रिकर पीएम मोदी के काफी करीबी हैं।
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कांग्रेस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के दावे को डेमोक्रेसी का मर्डर करार देते हुए कांग्रेस पर्रिकर को सीएम अप्वाइंट किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। वहां कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अगर आपके पास संख्या है तो संख्याबल के साथ गवर्नर के पास क्यों नहीं गए ? उन्होंने पर्रिकर के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन फ्लोर टेस्ट 16 मार्च को कराने के लिए कहा। बता दें कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद अब रक्षा मंत्री का एडिशनल चार्ज वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपा गया है।
और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते तो हमारे लिए फैसला लेना आसान होता। कोर्ट ने मुताबिक, अगर आपके पास संख्या बल था तो पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था।
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कोर्ट में कांग्रेस ने क्या कहा ?
याचिका पर सुनवाई के दौरान कांग्रेस की और से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं। चुनाव के नतीजों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है. राज्यपाल को इस मामले में सबसे बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी। गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए. बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
जेटली का पलटवार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बेबुनियाद के आरोप लगा रही है। राज्यपाल के पास मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में केवल बीजेपी ने ही 21 विधायकों का समर्थन पत्र दिया है। कांग्रेस ने अपनी असफलता छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।