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आंदोलनों की आग में झुलसा हरियाणा, खट्टर सरकार के प्रशासनिक कौशल पर सवाल

हरियाणा में यह सब क्या हो रहा है। खट्टर सरकार का प्रशासनिक कौशल प्रदेश का लाभ् प्रदेश को नहीं मिल रहा है। आए दिन वहां खट्टर ारकार विराधी नारे लगते रहतें है।

Anoop Ojha
Published on: 9 Sep 2017 8:28 AM GMT
आंदोलनों की आग में झुलसा हरियाणा, खट्टर सरकार के प्रशासनिक कौशल पर सवाल
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आंदोलनों की आग में झुलसा हरियाणा, खट्टर सरकार के प्रशासनिक कौशल पर सवाल

अनूप ओझा

लखनऊ : पहले राम पाल फिर जाट आंदोलन उसके बाद डेरा सच्चा सौदा अब गुरुग्राम के स्कूल में माशूम की हत्या हरियाणा सरकार पर ये सभी घटनाएं सरकार पर सवालिया निशान लगातें है। हरियाणा में यह सब क्या हो रहा है। खट्टर सरकार के प्रशासनिक कौशल का लाभ प्रदेश को नहीं मिल रहा है। आए दिन वहां खट्टर सरकार विरोधी नारे लगते रहतें है। अब तो उनको सत्ता संभाले काफी समय बीत चुका है। जनता की नाराजगी और आए दिन जाम, विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी उसके बीच आम नागरिकों का प्रभावित होता जनजीवन हरियाणा की ताजा तस्वीर बन गई है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने फरवरी मेें आंदोलन किया। राज्य की तैयारियां इस आंदोलन के उपद्रव को थामने में नाकाफी सावित हुई। इस आंदोलन में मानवता शर्मशार हुई।

हरियाणा इस आंदोलन की आग में झुलसता रहा। महिलाओं से बर्बर व्यवहार हरियाणा को शर्मशार करते रहे , सरकार और उसकी मशीनरी अफरा-तफरी को रोकने में नकाम रही। जान-माल और सरकारी संपत्ति का नुकसान सब कुछ देश देखता रहा। इस आंदोलन में आग से झुलसने वालों की संख्या लगभग 8 और हिंसक आंदोलन में जान गंवाने वालों की संख्या लगभग 30 तक पंहुच गई थी।

इंजीनियर से धार्मिक बाबा बनने वाले रामपाल को हिरासत में लेने के लिए इस सरकार को लोहे के चने चबाने पड़े उसकी गिरफतारी के समय भी हरियाणा में आम जनजीवन असमान्य हो गया था। रामपाल के आश्रम में गैरकानूनी गतिविधियों समेत असलहें भी बरामद हुए थे। उस समय भी खट्टर सरकार पर सवालिया निशान लगे थे। सरकार ऐसे हालात से निपटने में उस समय भी हीला हवाली कर रही थी। जब जनाक्रोश का दबाव सरकार पर ज्यादा पड़ने लगा तो सरकार हरकत में आयी। रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है।

ताजा मामला डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम का है पिछले एक पखवारे से हरियाणा सरकार राम रहीम की गिरफ्तारी और उसके इफेक्ट से लड़ रही है। इस लड़ाई में पूरे हरियाणा समेत देश के अलग अलग हिस्सों आम जनता को बाधा पहुंची, मौतें हुई, सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ और अफरा तफरी मची रही। सरकार चलती रही और डेरा, आंदोलन फलते-फूलते रहे। राम रहीम को अरेस्ट करने के लिए सेना को सहयोग देना पड़ा अकेले सरकार के बस की बात नहीें थी कि वह शांति से डेरा प्रमुख को कोर्ट में पेश कर पाती। सरकार अपने परफाॅरमेंस का किस तरह से आंकलन कर ही है कि आम जनजीवन में भय और असुरक्षा का भाव बना हुआ है।

8 सितबंर को गुरुग्राम के एक पब्लिक स्कूल में एक मासूम की नृशंश हत्या हो जाती है। व्यापक जनाक्रोश वहां की स्थानीय जनता में है वहां जाम प्रदर्शन और नारेबाजी की वही स्थिति है जो पिछले मामलों में रही है। परिवार के लोगों की मांग है कि स्कूल के सभी जिम्मेदारों को तत्काल प्रभाव से जेल भेजा जाए। कब जागेगी खट्टर की सरकार और निभाएगी अपनी जिम्मेदारी जिसके लिए वह राज पाठ सभांल रहे हैं। हरियाणा को ऐसे जनाक्रोश से बचाने के लिए खट्टर के उपर जो बैठे हैं उन्हे ध्यान देना होगा कि खट्टर की क्षमताओं का भी अंत है। क्या वह वहां तक पहुंच चुकी हैं। जब जनता उन्हे यह चिल्ला-चिल्ला कर बता रही हो।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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