×

नाम के आगे लगा 'जैन', MPPSC चयन प्रक्रिया पर उठे ये सवाल

मध्य प्रदेश में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में एक जिले के दो केंद्रों से सम्मिलित हुए कुल सफल परीक्षार्थियों में 23 में से 18 के जैन समाज से होने के कारण सवाल उठ रहे है।

tiwarishalini
Published on: 3 Oct 2017 8:03 AM GMT
नाम के आगे लगा जैन, MPPSC चयन प्रक्रिया पर उठे ये सवाल
X
नाम के के आगे लगा 'जैन', MPPSC चयन प्रक्रिया पर उठे ये सवाल

भोपाल: मध्य प्रदेश में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में एक जिले के दो केंद्रों से सम्मिलित हुए कुल सफल परीक्षार्थियों में 23 में से 18 के जैन समाज से होने के कारण सवाल उठ रहे है। स्थानीय स्तर पर इसे दूसरा व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाला बताया जा रहा है। वहीं, आयोग ने परीक्षा के पूरी तरह पारदर्शी होने का दावा किया है।

पिछले दिनों पीएससी मुख्य परीक्षा के नतीजे आए थे। इन नतीजों में आगर मालवा के दो केंद्रों से प्रारंभिक परीक्षा में चयनित 47 परीक्षार्थियों में से 23 का मुख्य परीक्षा के जरिए चयन हुआ है। इसमें से 18 परीक्षार्थियों के नाम के आगे 'जैन' लगा है। आरोप तो यहां तक लगाए गए हैं कि परीक्षा नियंत्रक, प्रभारी परीक्षा नियंत्रक और केंद्र मालिक भी इसी वर्ग के थे लिहाजा ऐसे नतीजे आए।

यह भी पढ़ें ... IES/ ISS Final Result 2017: UPSC ने किया रिजल्ट घोषित, ऐसे करें चेक

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज का आरोप है कि व्यापमं के पदचिन्हों पर चलते हुए मध्यप्रदेश पीएससी के परिणामों ने पढ़े लिखे युवाओं के भविष्य पर कालिख पोतने और निष्पक्ष और प्रतियोगी मानी जाने वाली परीक्षाओं का पूरी तरह भ्रष्टाचारीकरण कर दिया है। इतना ही नहीं नया रिकॉर्ड कायम कर इस बार परिणामों ने नकदी लेनदेन के साथ जाति, धर्म को भी शामिल कर दिया है।

बादल सरोज ने आगे कहा कि जो खुलासे हुए हैं, उससे पीएससी के परीक्षा नियंत्रक और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक तथा संबंधित परीक्षा केंद्र के मालिक को तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि वह तीनों उसी समुदाय के है, जिस समुदाय के सर्वाधिक परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा में सफल हुए हैं।

सरोज ने कहा कि व्यापमं घोटाले के महानायक सीएम शिवराज सिंह को बताना चाहिए कि वह कितने लाख युवाओं का भविष्य और चौपट करेंगे। अब तो उन्हें प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ उनके पूरे कार्यकाल में किए जा रहे खिलवाड़ का जिम्मा लेना लेना चाहिए।

यह भी पढ़ें ... VVIP हुई नर्मदा ! शिवराज के बाद अब दिग्विजय कर रहे परिक्रमा…क्या चुनाव होने हैं

वहीं, आयोग ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी होती है, जिसमें परीक्षा नियंत्रक या अन्य अधिकारियों का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। प्रारंभिक परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र की मांग अभ्यर्थी द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार एम़ पी़ ऑनलाइन से आवेदन के समय की जाती है।

आयोग का आगे कहना है कि मुख्य परीक्षा प्रदेश के चार शहर इंदौर, भोपाल, ग्वालियर तथा जबलपुर में संभाग आयुक्त के नियंत्रण में आयोजित की जाती है। इसमें भी आयोग कार्यालय अथवा नियंत्रक का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

आयोग के अनुसार, प्रारंभिक परीक्षा केंद्र समस्त 51 जिला मुख्यालय में बनाए जाते हैं। आगर मालवा शहर में दो केंद्र बनाए गए थे। (एक) शासकीय नेहरू पी.जी महाविद्यालय, आगर मालवा एवं (दो) एक्सीलेंस हाई स्कूल, आगर मालवा। दोनों परीक्षा केंद्रों पर कुल 624 अभ्यर्थी थे। इनमें से 58 जैन समुदाय के अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित थे, जिसमें से 29 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए तथा 29 अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हुए। आगर मालवा से कुल 47 अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण 47 अभ्यर्थियों में से मुख्य परीक्षा में 23 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इनमें से 18 जैन हैं। प्रदेश में मुख्य परीक्षा में 1528 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें 60 जैन अभ्यर्थी हैं।

यह भी पढ़ें ... 12वीं का गुजरात टॉपर बना जैन भिक्षु, शाकाहारी भोजन और सौम्यता से जिएंगे जिंदगी

पीएससी परीक्षा में जिन तीन अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं उन्हें आयोग ने नकारते हुए कहा है कि उनकी परीक्षा में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं रही। इसके अलावा आयोग ने परीक्षा के पूरी तरह पारदर्शी होने और किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंकाओं को साफ नकारा है।

--आईएएनएस

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story