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Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म, सभी इसके समर्थन में, सीएम शिंदे बोले – थोड़ा समय लगेगा
Maratha Reservation Protest: सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य में इसको लेकर हो रही हिंसा ठीक नहीं है। उन्होंने आंदोलन के नेता मनोज जारंगे से भी अनशन को खत्म करने की अपील की।
Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा आज सुबह 10 बजे बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का समर्थन किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, मराठाओं को आरक्षण देने पर सभी दल सहमत हैं। स्थायी आरक्षण के लिए कानूनी प्रक्रियाओं पर काम हो रहा है। इसमें थोड़ा टाइम लगेगा। सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य में इसको लेकर हो रही हिंसा ठीक नहीं है। उन्होंने आंदोलन के नेता मनोज जारंगे से भी अनशन को खत्म करने की अपील की।
शीतकालीन सत्र में लाया जाए बिल
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में शामिल विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार है, ऐसे में इस आरक्षण के विषय पर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जाए। शेतकरी कामगार पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि केंद्र को 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाने पर काम करना चाहिए और दिसंबर तक मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों जगह इसका लाभ मिले। बैठक में राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मराठा समाज के बड़े नेताओं को भरोसे में लेने की बात भी कही गई।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस-अजीत पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे और चीफ व्हिप सुनील प्रभु शामिल हुए। इसके अलावा कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार गुट समेत अन्य छोटे-छोटे दलों के नेता भी शामिल हुए। हालांकि, बैठक में शिवसेना उद्धव गुट का कोई नेता मौजूद नहीं था। जिसको लेकर सुबह से ही घमासान मचा हुआ है। बैठक में आमंत्रित न करने को लेकर उद्धव गुट के नेता भड़के हुए हैं। राज्यसंभा सांसद संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आ चुकी है।
चार लोगों ने सुसाइड करने की कोशिश की
इधर,महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर स्थिति काफी गंभीर होती जा रही है। लोग अपनी ही जान को खतरे में डाल रहे हैं। सोलापुर में चार लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिन्हें समय रहते हुए बचा लिया गया। इससे पहले कल यानी मंगलवार को एक महिला समेत 9 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। 19 अक्टूबर को जब से आंदोलन का दूसरा चरण शुरू हुआ है, अब तक 25 लोग सुसाइड कर चुके हैं।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे के अनशन का बुधवार को सातवां दिन है। 25 अक्टूबर को जब से वो अनशन पर बैठे हैं, राज्य में हालात तेजी से बिगड़े हैं। विशेषकर मराठवाड़ा के आठ जिलों में व्यापक विरोध – प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो रही है। राजनीतिक पार्टियों से संबंध रखने वालों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है।
मंत्री के काफिले की गाड़ी में तोड़फोड़
मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों का गुस्सा नेताओं पर फूट रहा है। खासकर सत्तारूढ़ दल से जुड़े नेता इनके निशाने पर हैं। हिंसक आंदोलन की आंच बीड से निकलकर राजधानी मुंबई तक पहुंच गई है। बुधावर सुबह को कोलाबा में विधायकों के सरकारी आवास के सामने दो अज्ञात लोगों ने राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रिफ के काफिले में शामिल गाड़ियों में तोड़फोड़ की। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिस ने फौरन दोनों को काबू में कर गिरफ्तार कर लिया।
मुश्रिफ एनसीपी अजित पवार गुट के नेता हैं, जो पिछले दिनों शिंदे सरकार में मंत्री बनाए गए थे। उनके खिलाफ ईडी की जांच भी चल रही है। हसन मुश्रिफ से पहले एनसीपी के एक और विधायक को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया था। बीड जिले की माजलगांव विधानसभा सीट से विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग के हवाले कर दिया गया था।
जरांगे की सरकार को चेतावनी
आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे सात दिनों से अनशन पर बैठे हुए हैं। उनके आह्वान के बाद से नेताओं के गांव में घुसने पर पाबंदी लग गई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, महाराष्ट्र सरकार स्पेशल सेशन बुलाकर आरक्षण पर फैसला करे। वर्ना ये आदोंलन देशभर में चलेगा। जरांगे ने मांगे न पूरी होने पर जल तक त्याग देने की चेतावनी दी है।
आंदोलन को लेकर भारी दवाब में सांसद-विधायक
महाराष्ट्र में अगले साल दो बड़े चुनाव होने हैं। पहले लोकसभा चुनाव और उसके कुछ अंतराल पर विधानसभा होंगे। ऐसे में राज्य की सबसे बड़ी और ताकतवर जातीय समूह की नाराजगी माननीयों की नींद हराम कर रखी है। सांसद और विधायक अभी से मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थन में अपनी इस्तीफा देने लगे हैं।
शिवसेना शिंदे गुट के हिंगोली और नासिक के सांसद हेमंत पाटिल और हेमंत गोडसे ने लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेज दिया है। इसी प्रकार पार्टी के विधायक रमेश बोरनारे, बीजेपी विधायक लक्ष्मण पवार और कांग्रेस विधायक सुरेश वारपुडकर विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज चुके हैं। इसके अलावा सरकार में शामिल तीनों दलों के विधायकों ने स्पेशल सेशन बुलाने की मांग को लेकर अनशन भी शुरू कर दिया है।