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Maratha Reservation: मराठा आरक्षण बिल विधानसभा से पास, जानिए अब कितना मिलेगा सरकारी नौकरियों में कोटा?
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण विधेयक के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया था।
Maratha Reservation: महाराष्ट्र विधानसभा में मराठाओं को सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए एकनाथ शिंदे की सरकार ने मंगलवार को सदन में मराठा आरक्षण बिल पेश किया। बाद में विधानसभा में सर्वसम्मति से मराठा आरक्षण बिल पारित कर दिया गया है। इस बिल में राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठाओं को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान दिया गया है। इससे पहले एकनाथ शिंदे की सरकार की कैबिनेट ने इस बिले के मसौदे को मंगलवार को ही अपनी मंजूरी दी थी। उसके बाद यह बिल सदन में लाया गया और पास हो गया।
विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण बिल पास
मराठा आरक्षण विधेयक के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने महाराष्ट्र विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया था। सीएम शिंदे ने विधानसभा में मराठा आरक्षण बिल को पेश किया। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार मौजूद रहे। इस बिल लाने का सरकार का यह था कि अन्य अन्य समुदायों के लाभों को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण प्रदान किया जाए।
जारंगे पाटिल कर रहे थे मराठा आरक्षण का नेतृत्व
पिछले हफ्ते सीएम शिंदे ने दावा किया था कि उनकी सरकार अन्य समुदायों के आरक्षण में किसी भी तरह का बदलाव किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देगी। जारंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहा था। हालांकि कुंभी श्रेणी के तहत आरक्षण की गारंटी पर महाराष्ट्र सरकार के भीतर आपत्ति भी दिखाई दे रही है। वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इसका विरोध किया है।
सुप्रीम कोर्ट का ये था फैसला आरक्षण पर
इसके साथ, शिंदे सरकार ने राज्य विधानमंडल के एक विशेष सत्र में मराठों के लिए आरक्षण को 50% से ऊपर बढ़ा दिया। वहीं, मसौदे में सरकार ने उन त्रुटियों को दूर कर लिया है, जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। साल 2021 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कॉलेज प्रवेश और नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण को रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि समग्र आरक्षण पर 50% के उल्लंघन को उचित ठहराने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियां नहीं थीं। हालांकि बाद में राज्य ने समीक्षा याचिका दायर की थी, इसको खारिज कर दिया गया। फिर सरकार सुधारात्मक याचिका दायर की।
मराठा आरक्षण पर समिति ने पेश की रिपोर्ट
बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग (एमबीसीसी) ने राज्य सरकार को मराठा समुदाय के सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन पर एक रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में आरक्षण बढ़ाए जाने का सुझाव दिया गया। एमबीसीसी ने केवल नौ दिनों की अवधि में लगभग 2.5 करोड़ घरों का सर्वेक्षण किया था। आयोग के अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे ने की। समिति ने शिक्षा और नौकरियों में मराठों के लिए 10% आरक्षण का प्रस्ताव रखा।