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March Heat Record: मार्च ने तोड़ दिए गर्मी के सारे रिकॉर्ड, तापमान 1.68 डिग्री अधिक, तेजी से गर्म हो रही पृथ्वी
March Heat Record: बढ़ते तापमान से पृथ्वी बड़ी तेजी से गर्म हो रही है और इसके प्रभाव पूरी दुनिया में महसूस किए जा रहे हैं।
March Heat Records: बढ़ते तापमान के सारे रिकार्ड को मार्च 2024 ने तोड़ दिया यानी पीछे छोड़ दिया। यदि औद्योगिक काल से पहले की तुलना में देखें तो मार्च 2024 का औसत तापमान 1850 से 1900 के बीच मार्च में दर्ज किए गए औसत तापमान से 1.68 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते तापमान के यह आंकड़े इस बात को पुख्ता कर रहे हैं कि हमारी पृथ्वी बड़ी तेजी के साथ गर्म हो रही है और इसके प्रभाव पूरी दुनिया में देखे और महसूस किए जा रहे हैं। मार्च के दौरान वैश्विक स्तर पर सतह के पास हवा का औसत तापमान 14.14 डिग्री सेल्सियस (डिसे.) रिकॉर्ड किया गया। यह 1991 से 2020 के दौरान मार्च में दर्ज औसत तापमान से 0.73 अधिक है।
आठ साल में 0.10 डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान
इससे पहले सबसे गर्म मार्च का महीना साल 2016 का था जिसमें ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था। वहीं 2016 की तुलना में इस बार यानी 2024 में मार्च का तापमान 0.10 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यही नहीं मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो इससे पहले जनवरी और फरवरी 2024 ने भी बढ़ते तापमान का रिकॉर्ड बनाया था। जनवरी में तापमान सामान्य से 1.66 और फरवरी 2024 में भी तापमान 20वीं सदी में फरवरी के औसत तापमान से 1.4 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
गहराते जा रहे जलवायु संकट के प्रभाव
कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के अनुसार लगातार बढ़ते तापमान के कारण जलवायु संकट के प्रभाव भी गहराते जा रहे हैं। जून 2023 से यह लगातार 10वां महीना है जब बढ़ते तापमान ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यदि पिछले 12 महीनों यानी अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के तापमान पर गौर करें तो वह 1991 से 2020 के वैश्विक औसत तापमान से 0.70 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है।
ग्रीन हाउस गैसों में तत्काल कटौती की जरूरत
कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की उप निदेशक सामंथा बर्गेस की मानें तो मार्च 2024, लगातार दसवां महीना है जब हवा और समुद्र का तापमान अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यदि पिछले 12 महीनों में तापमान के औसत को देखा जाए तो वो औद्योगिक काल से पहले की तुलना में 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक है। ऐसे में हमें बढ़ते तापमान को रोकने के लिए ग्रीनहाउस गैसों में तत्काल कटौती करने की जरूरत है। इससे बढ़ते तापमान से राहत मिल सकती है।
आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ साल के सबसे निचले स्तर पर
सी3एस के अनुसार ध्रुवों पर जमा बर्फ भारी तापमान के कारण लगातार पिघल रही है। मार्च में आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। इसका मासिक औसत विस्तार 1.49 करोड़ वर्ग किलोमीटर दर्ज किया गया जो सामान्य से कम है। मार्च 2024 में दर्ज समुद्री बर्फ का विस्तार 1980 और 1990 के दशक से करीब 25 फीसदी कम है।
जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है वह काफी चिंता का विषय है। अगर हम अभी नहीं चेते तो हमारे लिए गंभीर समस्या के साथ कई चुनौतियां भी सामने आएंगी जिससे पार पाना आसान नहीं होगा।