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Margashirsha Purnima 2022: ठिठुरती ठंड पर आस्था पड़ी भारी, गंगा में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
Margashirsha Purnima 2022: अर्द्ध रात्रि के पश्चात अधिकांश भक्तों की भीड़ गंगा किनारे पहुंच गई थी, जहां ब्रह्म मुहूर्त प्रारंभ होने पर हर हर गंगे के जयकारों के बीच मोक्ष दायिनी में डुबकी लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया था।
Margashirsha Purnima 2022: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के उपलक्ष्य में बृहस्पतिवार की सुबह श्रद्धालुओं ने मोक्ष दायिनी गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही विभिन्न अनुष्ठानों से पुण्यार्जित किया।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के उपलक्ष्य में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं का ब्रजघाट गंगानगरी में आगमन बुधवार की दोपहर को प्रारंभ हो गया था। तीर्थनगरी की सैकड़ों धर्मशाला, मंदिर और आश्रम परिसर श्रद्धालुओं से भर गए गए थे, जिसके चलते रात में आने वाले श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने से पूर्व इधर उधर समय बिताने को विवश होना पड़ा।
श्रद्धालुओं का आगमन होने से चौतरफा चहल पहल बढ़ने के साथ ही बाजारों में भी रंगत रही। अर्द्ध रात्रि के पश्चात अधिकांश भक्तों की भीड़ गंगा किनारे पहुंच गई थी, जहां ब्रह्म मुहूर्त प्रारंभ होने पर हर हर गंगे के जयकारों के बीच मोक्ष दायिनी में डुबकी लगाने का क्रम प्रारंभ हो गया था। जो बृहस्पतिवार को निरंतर चलता रहा। अधिकांश भक्तों ने डुबकी लगाने के उपरांत किनारे पर बैठे पंडितों से भगवान सत्यनारायण और मार्गशीष माह के महत्व से जुड़ी कथा सुन दक्षिणा दी। श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर देवी देवताओं के समक्ष मत्था टेककर मनौती मांगीं।
कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड भी आस्था की राह में रोड़ा नहीं बन सकी
वातावरण में धुंध छाने से बुधवार की रात में कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड का प्रकोप बना हुआ था, परंतु इसके पश्चात भी गंगा मैया के प्रति अटूट आस्था लेकर आए श्रद्धालुओं का हौंसला नहीं डिग पाया, जिन्होंने शरीर कंपकंपाने वाली ठंड की कोई परवाह किए बिना धार्मिक रीति रिवाज के साथ गंगा की जलधारा में डुबकी लगाकर पुण्यार्जित किया।
धनाढ्यों ने गरीब-निराश्रितों को भोजन और गरम वस्त्रों का दान दिया
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, मुरादाबाद जैसे महानगरों से आए धनाढ्यों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही तीर्थनगरी से जुड़े गरीब-निराश्रितों को भोजन और ठंड से बचाव को गरम वस्त्रों का दान देकर पुण्यार्जित किया।