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Amrik Singh Deep: हिंदी साहित्य के चमकते सितारे और किस्सागोई के उस्ताद अमरीक सिंह दीप
Amrik Singh Deep: हिंदी साहित्य जगत में अमरीक सिंह 'दीप' एक ऐसा नाम है, जिसने अपनी कलम से समाज की जटिल सच्चाइयों को बखूबी उकेरा।
Amrik Singh Deep: हिंदी साहित्य जगत में अमरीक सिंह 'दीप' एक ऐसा नाम है, जिसने अपनी कलम से समाज की जटिल सच्चाइयों को बखूबी उकेरा। 5 अगस्त 1942 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे अमरीक सिंह का मूल नाम अमरीक सिंह बमराह है। हालांकि, साहित्यिक जगत में वे 'अमरीक सिंह दीप' के नाम से विख्यात हुए। उनका जीवन और लेखन, दोनों ही साहित्य प्रेमियों और समाजशास्त्रियों के लिए प्रेरणादायक हैं।
साहित्यिक योगदान
अमरीक सिंह दीप ने हिंदी साहित्य को गहराई और विविधता प्रदान की है। उनके लेखन में समाज की वास्तविक समस्याएँ, मानवीय संवेदनाएँ और वर्ग संघर्ष स्पष्ट रूप से झलकते हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'एक और पांचाली' और 'तीर्थाटन के बाद' जैसे उपन्यास शामिल हैं।
इसके साथ ही उन्होंने ग्यारह कहानी संग्रह लिखे, जिनमें 'कहां जाएगा सिद्धार्थ', 'कालाहांडी', 'चांदनी हूँ मैं', और 'यह मिथक नहीं' ' सिर फोड़ती चिड़िया ' ' प्रसाद 'जैसी कहानियाँ बेहद लोकप्रिय हुईं। उनकी कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती हैं। वे केवल कहानी नहीं कहतीं, बल्कि समाज को एक दर्पण भी दिखाती हैं। उनके लघुकथा संग्रह 'आज़ादी की फसल' में स्वतंत्रता के बाद के भारत की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ उजागर किया गया है।
अनुवाद कार्य
अमरीक सिंह 'दीप' ने पंजाबी साहित्य को हिंदी में अनुवाद कर साहित्यिक क्षेत्र में एक सेतु का काम किया। उन्होंने 'रेत में डूबी नदियां', 'बिहारी एक्सप्रेस', ज़मीनों वाले ' और 'पंजाबी की चुनी हुई कहानियां' जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों का अनुवाद किया। उनके अनुवाद न केवल भाषाओं के बीच का अंतर पाटते हैं, बल्कि संस्कृति और विचारधाराओं को भी जोड़ते हैं।
सम्मान और पुरस्कार
उनकी कहानी 'बेस्ट वर्कर' ने भारतीय सर्वभाषा कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इसके अलावा, उन्हें विश्वम्भर नाथ शर्मा "कौशिक" कथा पुरस्कार और साहित्य शिरोमणि सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी नवाजा गया। ये सम्मान उनके साहित्यिक योगदान की महत्ता को दर्शाते हैं।
फिल्म निर्माण और संपादन
अमरीक सिंह दीप के उपन्यास 'तीर्थाटन के बाद' पर आधारित फिल्म 'ढाई आखर' ने एक महिला के संघर्ष की मार्मिक कहानी को पर्दे पर उतारा। इस फिल्म ने साहित्य और सिनेमा के बीच की दूरी को पाटने का प्रयास किया। इसके अलावा, उन्होंने 'अकार' और 'आशय' जैसी साहित्यिक पत्रिकाओं में संपादन सहयोग का कार्य भी किया। यह उनके साहित्यिक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रमाण है।
साहित्य में विशेष स्थान
अमरीक सिंह दीप की रचनाएँ न केवल साहित्य के रूप में उत्कृष्ट हैं, बल्कि समाज के लिए मार्गदर्शक भी हैं। उनकी कहानियों में आम आदमी के संघर्ष, सांप्रदायिकता, और सामाजिक विडंबनाओं का जीवंत चित्रण मिलता है। उनके लेखन ने हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
अमरीक सिंह 'दीप' का जीवन और लेखन दोनों ही एक प्रेरणा हैं। उनकी रचनाएँ समाज को जागरूक करती हैं और पाठकों को अपने आसपास की वास्तविकता को समझने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। वे हिंदी साहित्य के ऐसे सितारे हैं, जिनकी रोशनी सदैव हमारे साहित्यिक आसमान को आलोकित करती रहेगी।
अमरीक सिंह 'दीप' की प्रमुख कृतियों की सूची:
उपन्यास
- एक और पांचाली
- तीर्थाटन के बाद
- कहानी संग्रह
- कहां जाएगा सिद्धार्थ
- कालाहांडी
- चांदनी हूँ मैं
- सिर फोड़ती चिड़िया
- काली बिल्ली
- एक कोई और
- वनपाखी
अमरीक सिंह दीप: चुनी हुई कहानियां
- यह मिथक नहीं
- कब आएगा अमृतसर
- मेरी 11 प्रिय कहानियां
- अनारकली के अश्क
लघुकथा संग्रह
- आज़ादी की फसल
- सपने में औरत
अनुवाद कार्य (पंजाबी से हिंदी)
- रेत में डूबी नदियां
- बिहारी एक्सप्रेस
- कनक का कत्लेआम
- जमीनों वाले
- ऋतु नागर
- शाने पंजाब
- बर्फ का दानव
- नो मैन्स लैण्ड
- विदिशा की बासंती
- पंजाबी की चुनी हुई कहानियां
सम्पादन:
- फिर आयेगा बसंत: चुनी हुई प्रेम कहानियों का संग्रह
- राजेन्द्र राव: चुनी हुई कहानियां
- कृष्ण बिहारी: चुनी हुई कहानियां
- विशंभरनाथ शर्मा ' कौशिक ': चुनी हुई कहानियां
अमरीक सिंह दीप की ये कृतियाँ उनके साहित्यिक योगदान को दर्शाती हैं और हिंदी साहित्य में उनकी गहरी पकड़ और संवेदनशीलता को उजागर करती हैं।