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गणित की दीवाने मैथमेटिक्स गुरु, 10 से भी ज्यादा तरीकों से बना सकते हैं एक सवाल
गणित के ज्ञाता और बच्चों के भविष्य को संवारने में दिन रात जुटे आर के श्रीवास्तव लगातार 12 घंटे में 450 क्लास लेते हैं। इस क्लासेज में आरके श्रीवास्तव की गणित का जादू चलता है।
लखनऊ: भारत के मेथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव यूँ ही वर्ल्ड रिकार्ड्स होल्डर और देश में इतने लोकप्रिय शिक्षक नहीं हैं। उनकी काबलियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक सवाल को वे 10 से भी ज्यादा तरीकों से बना सकते हैं।
बिहार के आरके श्रीवास्तव का गणित प्रेम
गणित के ज्ञाता और बच्चों के भविष्य को संवारने में दिन रात जुटे आर के श्रीवास्तव लगातार 12 घंटे में 450 क्लास लेते हैं। इस क्लासेज में आरके श्रीवास्तव की गणित का जादू चलता है। आरके श्रीवास्तव का बचपन काफी गरीबी से गुजरा। उनके पास अपने शौक पूरा करने के पैसे नहीं थे। इसलिए उन्हें पता है कि एक गरीब छात्र के लिए शिक्षा उसके पंखों को उड़ान देने के लिए कितनी करुरी है।
जानना चाहते हैं हर सवाल का जवाब
यही वजह है कि आरके श्रीवास्तव नाईट क्लास के रूप में लगातार 12 घण्टे गणित का गुर सिखने से हर बच्चे को उसके सपने पूरे करने में मदद करने तक संघर्ष करते हैं।
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आरके श्रीवास्तव को बचपन से ही प्रश्न पूछने का शौक रहा। वे अपने शिक्षकों से ऐसे सवाल पूछा करते थे कि किसी का भी दिमाग चकरा जाए। ये इस बात का संकेत हैं कि वे कितने जिज्ञासु किस्म के शख्स हैं। उनकी जिज्ञासाओं ने और सीखने की ललक ने उन्हें खुद एक शिक्षक बना दिया। मैथ के चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया बने आर के श्रीवास्तव अपनी पढ़ाई के दौरान अपने सीनियर्स को गणित पढ़ाया करते थे। उन्होंने सिर्फ वर्ग 12 से पहले हीें लोनी द्वारा कृत प्रसिद्द ट्रिग्नोमेट्री और कोआर्डिनेट ज्योमेट्री के प्रश्नों को हल कर दिया ।
गणित में टॉपर, अन्य विषयों को भूले:
एक छात्र के तौर पर उनमे गणित ऐसी दीवानगी थी कि वे अन्य सभी विषय भूल सिर्फ मैथ पर ही ध्यान देते थे। नतीजन एक बार दसवी की परीक्षा में उन्होंने मैथ में तो टॉप किया लेकिन अन्य विषयों में उन्हें बहुत कम नंबर आए।
खेल-खेल में जादुई तरीके से गणित पढ़ाने का उनका तरीका लाजवाब है। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल कर गणित सिखाते हैं। सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। आर्थिक रूप से सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को आईआईटी, एनआईटी, बीसीईसीई सहित देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पहुँचाकर उनके सपने को पंख लगा चुके हैं।