TRENDING TAGS :
Supreme Court में ईदगाह कमेटी की विशेष याचिका पर सुनवाई कल, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह बेंच में शामिल
Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने जानकारी दी, कि सुप्रीम कोर्ट में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की ओर से दायर विशेष याचिका पर सुनवाई के लिए स्वयं भी कैविएट दाखिल की थी।
Shri Krishna Janmabhoomi Case : मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले की सुनवाई कल यानी 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी। इस सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय बेंच गठित की गई है। इस खंडपीठ में एक मुस्लिम जस्टिस को भी शामिल किया गया है। ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी पक्ष की तरफ से दायर विशेष याचिका में किया है।
आपको बता दें, श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यीय पीठ करेगी। इसमें जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul), जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) के अलावा मुस्लिम जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Ahsanuddin Amanullah) को शामिल किया गया है।
शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की क्या है मांग?
बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के निर्देश पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान से जुड़े सभी मामलों को सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय स्थानांतरित (Transferred) किया गया है। इसके विरोध में शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की। जिसमें कहा है कि, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले से जुड़े सभी मामले की सुनवाई मथुरा की अदालत में ही कराए जाने की मांग की है।
SC ने गठित की 3 सदस्यीय पीठ
इसी मसले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय पीठ गठित की है। जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया के अतिरिक्त मुस्लिम न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को शामिल किया गया है।
जानें क्या है पूरा विवाद?
यूपी की धार्मिक नगरी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक को लेकर है। 12 अक्टूबर, 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। गौरतलब है कि, श्रीकृष्ण जन्मस्थान (Shri Krishna Janmasthan) के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद के पास 2.5 एकड़ का मालिकाना हक। मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि, शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा कर बनाया गया है। इसी जमीन पर हिन्दू पक्ष दावा कर रहे हैं। हिंदू पक्ष की ओर से ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने तथा इस जमीन को भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है।