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श्रीश्री का बयान बेहद शर्मनाक : सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल
सहारनपुर : ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं असम से लोकसभा सांसद व दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शुरा के वरिष्ठ सदस्य मौलाना बदरुउद्दीन अजमल ने कहा कि धर्मगुरू श्रीश्री रविशंकर द्वारा बाबरी मस्जिद का मसला हल नहीं होने पर यहां सीरिया जैसे हालात पैदा होने का बयान दिया जाना बेहद अफसोस व शर्मनाक है। श्रीश्री के बयान के बाद अगर अयोध्या मामले में कोई सांप्रदायिक बवाल होता है तो श्रीश्री इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
रविवार को दारुल उलूम की राब्ता ए मदारिस की बैठक में शिरकत करने के लिए यहां पहुंचे सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान दिए जाने से पहले श्रीश्री रविशंकर को अपने पद व मर्यादा का मान रखना चाहिए था। लोकसभा में तीन तलाक को लेकर हुई बहस पर अजमल ने कहा कि सरकार आनन फानन में यह बिल लाई और विपक्षी दल इसके लिए तैयार नहीं था। बिल का विरोध करने वालों को बोलने का मौका नहीं दिया गया और सरकार ने इसे लोकसभा में पास करा लिया। इसके बाद विपक्ष तैयार हुआ जिसका परिणाम यह रहा कि राज्यसभा में यह बिल अटक गया।
असम में उनकी पार्टी के संबंध में थल सेना प्रमुख बिपिन रावत द्वारा दिए गए बयान पर मौलाना ने कहा कि सेना प्रमुख का बयान पूरी तरह सियासी था। आर्मी चीफ का यह बयान सेना प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पद के बिल्कुल खिलाफ है। सेना प्रमुख के बयान के विपरीत असम में उनकी पार्टी बढ़ी नहीं बल्कि घटी है। कहा कि सेना प्रमुख के बयान के संबंध में सुरक्षा प्रमुख अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की गई है। राष्ट्रपति से भी इस संबंध में मिलने का समय मांगा गया है।
अजमल ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को देश की सत्ता से बाहर करने के लिए संभवत: सपा, बसपा, तृणमुल कांग्रेस एवं शिवसेना, कांग्रेस सेकुलर फ्रंट का गठन होगा। उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा दिए जा रहे बयानों की भी आलोचना की। दारुल उलूम द्वारा आयोजित राब्ता ए मदारिस के सम्मेलन पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मदरसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाने का सुझाव रखा जाएगा।
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