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मायावती बोलीं-कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटा, मैंने प्रदर्शन को नहीं कहा
नई दिल्ली :बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा में नियम 176 के तहत दलितों के उत्पीड़न पर हो रही चर्चा के दौरान कहा कि उन्होंने देश भर में पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन के लिए नहीं कहा बल्कि ये उनका गुस्सा था कि वो सड़कों पर उतरे । उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने यूपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को निकालकर अच्छा काम किया है।
दलित उत्पीड़न का आरोप
-बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में कहा कि संविधान को लागू हुए 66 साल हो गए । इसमें 54 साल कांग्रेस ने और 8 साल बीजेपी ने शासन किया ।इस लंबी अवधि में दलितों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ ।
-मायावती ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान में दलितों और आदिवासियों को जो अधिकार दिए थे उसका 50 प्रतिशत भी उन्हें नहीं मिला ।
-बसपा प्रमुख ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि ये बाबा साहब की 125वीं जयंती तो मनाती है लेकिन इसके नेताओं की मानसिकता अभी भी मनुवाादी है।
-उन्होंने गुजरात के उना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इसकी जांच सीआईडी को सौंपी है जो मात्र मामले की लीपापोती है ।
-मायावती ने इस मामले की जांच का जिम्मा किसी सक्षम अधिकारी को सौंपने और मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की, जिसके दो जजों में एक जज अनुसूचित जाति का होना चाहिए ।
कार्रवाई की मांग
-मायावती ने कहा कि गुजरात सरकार उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई करे जिन्होंने मामले के सामने आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की ।
-उन्होंनें कहा कि सदन के लगभग हर सत्र में दलितों पर चर्चा होती है ।सरकार अपना पक्ष रखती है लेकिन कोई कार्रवाई नही होती ।
-दरअसल बीजेपी के यूपी के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी थी ।पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पद और पार्टी से निकाल दिया ।
-राज्यसभा के सभापति ने इस मामले पर चर्चा के लिए आज गुरूवार का दिन तय किया था ।
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