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Medicine Price Hike: दवाओं के दाम बढ़ा देंगे मरीजों का फीवर, एक अप्रैल से ये जरूरी दवाइयां हो जाएगीं महंगी

Medicine Price Hike: राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का निर्णय लिया है। हाल ही में कई बीमारियों में उपयोग में लायी जाने वाली दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी को सरकार की मंजूरी मिल गयी है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 29 March 2025 12:21 PM IST (Updated on: 29 March 2025 12:24 PM IST)
Medicine Price Hike
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Medicine Price Hike

Medicine Price Hike: एक अप्रैल 2025 से आम आदमी की जेब पर दबाव और भी ज्यादा बढ़ने वाला है। अगर कोई मरीज की नियमित रूप से दवा चल रही है तो तीमारदारों को अगले एक अप्रैल 2025 से तगड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि एक अप्रैल से कई बीमारियों की दवा के दामों में बढ़ोत्तरी होने वाली है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में इजाफा करने का निर्णय लिया है।

हाल ही में कई बीमारियों में उपयोग में लायी जाने वाली दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी को सरकार की मंजूरी मिल गयी है। जिन दवाओं के दामों में बढ़ोत्तरी होने वाली है उनका उपयोग बुखार, एलर्जी, डायबिटीज समेत कई बामरियों में किया जाता है। इन दवाओं के दामों में वृद्धि होने के पीछे की वजह कच्चे माल की बढ़ती लागत बतायी जा रही है। इसी वजह से दवा बनाने वाली कंपनियां रेट बढ़ाने की मांग रही थीं।

हालांकि दवाओं के रेट में सीमित इजाफा ही किया जा रहा है। सरकार ने नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन में शामिल दवाओं के दाम में 1.74 फीसदी बढ़ोतरी को ही मंजूरी दी है। इस सूची में एंटी-एलर्जी, पेरासिटामोल, एज़िथ्रोमाइसिन, एंटी-एनीमिया, हृदय रोग, पेन किलर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, विटामिन और मिनरल्स की दवाएं शामिल हैं।

होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर रेट में बढ़ोत्तरी

केंद्र सरकार ने दवाओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर तय करने की मंजूरी दी है। इस बार होलसेल प्राइस इंडेक्स में 1.74 फीसदी की बढ़त हुई है। इसी हिसाब से दवाओं के दाम बढ़ाए जा रहे हैं। फार्मा कंपनियों का कहना है कि पिछले कुछ समय में दवा बनाने वाले कंपोनेंट्स के दाम बेतहाषा बढ़ रहे थे। जिसके चलते दवा बनाने की लागत भी बढ़ गई है।

दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन के कारण हुई है। सरकार हर वर्ष आवश्यक दवाओं की दामों को नियंत्रित करने के लिए संशोधन करती है। इस बार थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि के कारण ही कंपनियों को दवा की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी गई है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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