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Medicine Quality Test: मेटफॉर्मिन, पैरासिटामोल सहित 49 दवाएं घटिया
Medicine Quality Test: ड्रग कंट्रोलर दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित रूप से रैंडम जांच करता है और ताजा निष्कर्ष भी इसी जाँच में निकला है।
Medicine Quality Test: ड्रग कंट्रोलर ने बाजार में उपलब्ध दवाओं के अपने मासिक सर्वेक्षण में 49 दवाओं को घटिया और चार को नकली पाया है। इस सूची में डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेटफॉर्मिन, एसिडिटी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पैंटोप्राजोल और बुखार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पैरासिटामोल जैसी आम दवाएं शामिल हैं।
ड्रग कंट्रोलर दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए नियमित रूप से रैंडम जांच करता है और ताजा निष्कर्ष भी इसी जाँच में निकला है। भारत के ड्रग कंट्रोलर डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा है कि ये दवाएं मानक गुणवत्ता की नहीं हैं। ये दवाएं कुछ गुणवत्ता मापदंडों में विफल रही हैं। और चार नकली दवाएं पी गईं हैं। इनका निर्माण पैकेजिंग पर उल्लिखित ब्रांडों द्वारा नहीं किया गया है।
नियामक की चेतावनी
देश का शीर्ष ड्रग कंट्रोलर, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन हर महीने उन दवाओं की सूची जारी करता है जो मानक गुणवत्ता की नहीं पाई जाती हैं। केंद्र और राज्य दवा रेगुलेटर नियमित रूप से बाजार से विभिन्न दवाओं के नमूने एकत्र करते हैं और उनका परीक्षण करते हैं। मासिक सूची में उन दवाओं के नाम बताए जाते हैं जो परीक्षण में विफल हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, एंटीबायोटिक मेट्रोनिडाजोल जिसका नाम हाल ही में सितंबर के लिए जारी की गई सूची में शामिल किया गया है, ये दवा विघटन परीक्षण में विफल रही है, जिसका मतलब है कि एक बार सेवन करने के बाद ये दवा पेट में ठीक से घुल नहीं पाएगी और जिस तरह से काम करना चाहिए उस तरह से काम भी नहीं करेगी। हर महीने लगभग 3,000 नमूनों का परीक्षण किया जाता है और इनमें से लगभग 40 से 50 विफल हो जाते हैं।
नकली दवाएं क्या हैं?
जब दवा नियामकों द्वारा गुणवत्ता जांच की बात आती है, तो फेल होने वाली दवाएं मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में आती हैं :
नकली दवाएं : ये ऐसे प्रोडक्ट हैं जो लोगों को उन्हें खरीदने के लिए धोखा देने के लिए लोकप्रिय ब्रांडों की दवाओं की नकल करते हैं। ऐसे दवाओं में एक्टिव साल्ट हो भी सकता है और नहीं भी। उदाहरण के लिए, ग्लेनमार्क के टेल्मिसर्टन (हाई बीपी की दवा) और सनफार्मा के पैंटोप्राज़ोल को मूल कंपनी द्वारा निर्मित ही नहीं पाया गया। यानी कोई अनजान से कम्पनी इन दवाओं को बना कर बेच रही थी।
एनएसक्यू दवाएँ : ये गलत विवरण, दवा का ठीक से न घुलना या एक्टिव तत्वों की कम मात्रा जैसे मापदंडों पर फेल हो जाती हैं। हालाँकि ये दवाएँ इसे लेने वाले व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुँचा सकती हैं, लेकिन यह वास्तव में वह काम नहीं करती हैं जो इसे करने के लिए बनाया गया है।
मिलावटी दवाएँ: ये ऐसी दवाएँ हैं जिनमें मिलावटी पदार्थ मौजूद होते हैं और जो इसे लेने वाले लोगों को सीधे नुकसान पहुँचा सकते हैं। दवा नियामक आमतौर पर उन दवाओं को वापस बुलाता है जो मिलावटी पाई जाती हैं।