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Farmers Meeting: किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक समाप्त, 22 फरवरी को फिर होगी चर्चा

Farmers Meeting: एक साल से आंदोलनरत किसानों ने शुक्रवार को केंद्र के प्रतिनिधियों से बैठक की। चंडीगढ़ में हुई इस बैठक में एमएसपी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

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Newstrack Network
Published on: 14 Feb 2025 9:07 PM IST (Updated on: 14 Feb 2025 9:30 PM IST)
Meeting between farmers and central government
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Meeting between farmers and central government (Photo: Social Media)

Farmers Meeting: एक साल से आंदोलनरत किसानों ने शुक्रवार को केंद्र के प्रतिनिधियों से बैठक की। चंडीगढ़ में हुई इस बैठक में एमएसपी समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "अगली बैठक 22 फरवरी को होगी, जिसमें कृषि मंत्री शिवराज चौहान और गृह मंत्री शामिल होंगे। यह मीटिंग चंडीगढ़ या दिल्ली में हो सकती है।" केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद कहा, "हमने किसानों की मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से सुना। अगली बैठक शिवराज चौहान के नेतृत्व में होगी।"

बैठक में विशेष रूप से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी पर विचार-विमर्श किया गया। यह बैठक किसानों के एक साल लंबे प्रदर्शन के बाद आयोजित की गई थी। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत की। बैठक में 28 सदस्यीय संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल थे, जो किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। बैठक चंडीगढ़ के महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित हुई, जिसमें पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, खाद्य मंत्री लाल चंद कतारुचक, चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा और डीजीपी गौरव यादव भी मौजूद थे।

जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग में पहुंचे

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो अपनी भूख हड़ताल के कारण वाहनों में थे, को भी बैठक में लाया गया। उन्होंने बताया कि खन्नौरी प्रदर्शन स्थल से चंडीगढ़ पहुंचने में उन्हें चार घंटे का समय लगा। डल्लेवाल, जो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं, 26 नवंबर से खन्नौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि वे केंद्र सरकार से MSP की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को मानने के लिए दबाव बना रहे हैं।

क्या है मांग

किसान पिछले साल से दिल्ली में मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद वे खन्नौरी सीमा पर धरने पर बैठ गए। उनकी प्रमुख मांगों में फसल MSP के लिए कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में वृद्धि पर रोक, पुलिस द्वारा दर्ज मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को "न्याय" मिलना शामिल है।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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