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BJP ने त्रिपुरा-नगालैंड में लहराया परचम, मेघालय में कांग्रेस आगे
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की तस्वीर अब स्पष्ट हो गई है। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वाम मोर्चे के 25 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है। रुझानों में बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिला है। वहीं नगालैंड में भी बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी है।
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की तस्वीर अब स्पष्ट हो गई है। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वाम मोर्चे के 25 साल के किले को ध्वस्त कर दिया है। रुझानों में बीजेपी को दो तिहाई बहुमत मिला है। वहीं नगालैंड में भी बीजेपी ने कड़ी टक्कर दी है।
त्रिपुरा पर केसरियां
बीजेपी और उसके सहयोगी दल त्रिपुरा में आसानी से सरकार का गठन कर लेंगे। बीजेपी गठबंधन ने यहां 40 प्रतिशत वोट हासिल किया है। बीजेपी ने 43 जबकि वाम मोर्चे ने 16 सीटों पर जीत हासिल की है।
त्रिपुरा के 59 सीटों के परिणाम शनिवार को आ गए। बीजेपी ने 43 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं राज्य में पिछले करीब तीन दशकों से राज्य की सत्ता पर कायम माकपा को महज 15 सीटें ही मिल पाईं। पिछले विधानसभा में विपक्ष रही कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।
त्रिपुरा में बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत मिली है। पिछले विधानसभा में इस बीजेपी को 1.5 फीसदी वोट से ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस बार के चुनाव में पार्टी ने 43 प्रतिशत वोटों की जीत हासिल की। इस तरह उसने वाम मोर्चे के इस गढ़ पर कब्जा जमा लिया है।
नगालैंड में गठबंधन
इसी तरह नगालैंड में भी बीजेपी सरकार की मजबूत दावेदार के रूप में सामने आई है। बीजेपी यहां अपनी सहयोगी पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी(NDPP) के साथ सरकार बनाएगी। यहां बीजेपी और एनडीपीपी गठबंधन ने 31 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि एक सीट पर विजयी रही जेडीयू ने भी इस गठबंधन को समर्थन देने की बात कही है। एनपीएफ 23 और अन्य ने 6 सीट पर कामयाबी हासिल की है।
मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना
वहीं मेघालय में जिस तरीके से जनादेश सामने आ रहा है, उसे देखकर लग रहा है कि अगले दो दिनों तक वहां सियासी हालात दिलचस्प रहने वाले हैं। राजनीतिक दलों को मिली सीटों के अनुसार त्रिशंकु विधानसभा की संभावना है। मेघालय में कांग्रेस ने 21 सीटें जीती हैं और बीजेपी को महज दो सीटें हासिल की हैं। एनपीपी को 19 और अन्य को 17 सीटें मिली हैं।
बताते चलें कि बीजेपी पिछले कई सालों से पूर्वोत्तर के राज्यों में जमीनी स्तर पर काम कर रही है और इसी कारण उसने यह जीत हासिल की है। त्रिपुरा में तो बीजेपी ने 'चलो पलटई' यानी 'चलो बदलाव लाएं' का नारा दिया था, जो कारगर रहा।