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Manipur Violence: मैतेई ग्रुप 'अरमबाई टेंगगोल' ने सरेंडर किए 246 हथियार,राज्यपाल की कड़ी चेतावनी का पड़ा असर
Manipur Violence: राज्यपाल अजय भल्ला की चेतावनी के बाद अरामबाई टेंगगोल ने 246 अवैध हथियार सरेंडर किए। सुरक्षाबलों की वर्दी, हेलमेट भी सौंपे। संगठन ने शर्तें पूरी होने पर और हथियार सरेंडर करने की बात कही।
Meitei group surrendered illegal weapons (Photo: Social Media)
Manipur Violence: राज्यपाल अजय भल्ला की चेतावनी के बाद आज मैतेई ग्रुप अरामबाई टेंगगोल ने हथियार सरेंडर करने की समय सीमा समाप्त होने से पहले गुरुवार को 246 अवैध हथियार राज्य सरकार के सामने सरेंडर कर दिये। मंगलवार को ग्रुप से जुड़े लोगों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, जहां उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि सरेंडर करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
अरामबाई टेंगगोल ने अवैध हथियारों के साथ-साथ सुरक्षाबलों के हेलमेट, जूते, वर्दी और दंगों में इस्तेमाल की जाने वाली जैकेटें भी सरेंडर की। बता दें, राज्यपाल अजय भल्ला ने मणिपुर में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा को समाप्त करने के लिए सात दिनों के भीतर लूटे गए और अवैध हथियारों को स्वेच्छा से सरेंडर करने की अपील की थी।
मंगलवार को रिवाइवलिस्ट सांस्कृतिक संगठन अरामबाई टेंगगोल के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। इसमें संगठन के कमांडर-इन-चीफ टायसन न्गांगबाम उर्फ कोरोंगनबा खुमान, जनसंपर्क अधिकारी रॉबिन मंगंग खवाईराकाम और दो अन्य सदस्य शामिल थे। करीब एक घंटे चली इस बंद कमरे की बैठक के बाद रॉबिन मंगंग ने मीडिया से कहा कि संगठन ने राज्यपाल के साथ सार्थक चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने अवैध हथियारों को सरेंडर करने का अनुरोध किया था, जिसके जवाब में संगठन ने कुछ नियम और शर्तें रखीं। उन्होंने कहा कि अगर शर्तें पूरी होती हैं, तो और भी हथियार सरेंडर किए जाएंगे।
राज्यपाल ने दिया था अल्टीमेटम
बीते 20 फरवरी को मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने राज्य के सभी समुदायों से सात दिनों के अंदर लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को पुलिस थानों, चौकियों या सुरक्षा बलों के शिविरों में जमा करने का सख्त अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि यदि यह अल्टीमेटम पालन किया जाता है, तो कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन अगर समय सीमा के बाद हथियार वापस नहीं किए गए, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यपाल ने कहा था, "मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी समुदायों को एकजुट होकर दुश्मनी को खत्म करने और सामान्य स्थिति को बहाल करने का काम करना होगा, ताकि लोग अपनी सामान्य जिंदगी में लौट सकें।" उन्होंने खास तौर पर घाटी और पहाड़ी इलाकों के युवाओं से अपील की कि वे स्वेच्छा से सामने आकर अवैध हथियारों को वापस करें, जो शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
राज्यपाल ने यह भी कहा था कि यह कदम मणिपुर में स्थिरता और शांति के लिए जरूरी है, और यदि लोग निर्धारित समय में हथियार वापस करते हैं, तो कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन समय सीमा के बाद यदि किसी के पास अवैध हथियार पाए गए, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा।