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Himachal political Crisis: स्पीकर का बड़ा एक्शन, कांग्रेस के सभी 6 बागी विधायक अयोग्य घोषित
Himachal political Crisis: स्पीकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंत्री हर्षवर्धन ने दलबदल कानून के तहत इन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अपना फैसला सुनाया। सीएम सुक्खू ने दावा है कि इस फैसले के बाद भी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।
Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद शुरू हुई राजनीतिक उठापटक काफी तेज हो गई है। इस बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतपाल पठानिया ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कांग्रेस के सभी 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। स्पीकर पठानिया ने कहा कि इन विधायकों ने विधानसभा चुनाव तो कांग्रेस के टिकट पर लड़ा मगर पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया।
स्पीकर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मंत्री हर्षवर्धन ने दलबदल कानून के तहत इन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद मैंने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
विधायकों की बगावत से सरकार पर संकट
हिमाचल प्रदेश में हाल में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। इन विधायकों के बागी तेवर दिखाने से पार्टी के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के सामने हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद राज्य की सुक्खू सरकार पर संकट के बदले मंडराने लगे थे।
भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात करके विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करने की मांग की थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को अब सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि विधानसभा में सरकार का बहुमत नहीं रह गया है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद बड़ा फैसला
कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग का यह मामला स्पीकर सतपाल पठानिया के पास भी पहुंचा था। कांग्रेस ने इन विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी। स्पीकर ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था मगर आज उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए इन छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
स्पीकर पठानिया ने कहा कि इन विधायकों ने पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन किया है। इन विधायकों ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने के बाद पार्टी की ओर से जारी व्हिप की अनदेखी है। उन्होंने कहा कि मैं दोनों पक्षों को सुनने के बाद 30 पेज का आर्डर दिया है।
इन विधायकों की सदस्यता रद्द
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर की ओर से कांग्रेस के जिन 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सुधीर शर्मा, राजेंद्र सिंह राणा, रवि ठाकुर, देवेंदर भुट्टो, चैतन्य शर्मा और इंदरदत्त लखनपाल शामिल है। इन सभी विधायकों को व्हिप के उल्लंघन का दोषी बताते हुए अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
स्पीकर के फैसले के बाद क्या होगा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायकों की ताकत है। अब पार्टी के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। ऐसे में अब विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 62 रह गई है। दूसरी ओर भाजपा के पास 25 विधायकों की ताकत है जबकि तीन निर्दलीयों का समर्थन भी भाजपा के साथ है।
कांग्रेस विधायकों को मनाने की कवायद के तहत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सुबह पार्टी के सभी विधायकों को ब्रेकफास्ट पर बुलाया था मगर पार्टी के चार विधायक मुख्यमंत्री के बुलावे पर नहीं पहुंचे। ऐसे में माना जा रहा है कि सुक्खू सरकार पर अभी तक संकट टला नहीं है। हालांकि मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उनकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और सरकार पर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है।
राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में एक सीट पर हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को करारा झटका लगा था क्योंकि पार्टी के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन दोनों को बराबर 34-34 वोट मिले। बाद में टॉस से फैसला किया गया है जिसमें हर्ष महाजन विजयी रहे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का मुंह देखना पड़ा।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं और राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी मगर कांग्रेस के 6 विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को 34 वोट ही हासिल हो सके।
दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को अपनी पार्टी के 25 वोटों के अलावा कांग्रेस के 6 और निर्दलीय तीन विधायकों का भी वोट हासिल हुआ। इस तरह भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन भी 34 वोट हासिल करने में कामयाब रहे।
प्रियंका गांधी ने की विक्रमादित्य से बातचीत
इस बीच राज्य में कांग्रेस सरकार का संकट टालने के लिए प्रियंका गांधी ने इस्तीफा देने वाले मंत्री विक्रमादित्य सिंह से बातचीत की है। जानकार सूत्रों का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह ने अपने गुट के किसी नेता को नया मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राज्य में कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए विक्रमादित्य सिंह को साथ रखना जरूरी है और यही कारण है कि मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। वैसे कांग्रेस नेतृत्व हिमाचल में अपनी सरकार बचाने के लिए नेतृत्व बदलने के लिए भी तैयार दिख रहा है।