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बनेगा बाला साहेब स्मारक, नहीं काटा जाएगा कोई पेड़-उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन सरकार है ऐसे में मराठी जनमानस मे सरकार से ज्याद उम्मीद है। अब यहां के लोगों में औरंगाबाद के प्रियदर्शिनी उद्यान में बालासाहेब ठाकरे स्मारक बनाने का मामला तूल पकड़ लिया है। स्मारक बनाने के लिए 5,000 पेड़ काटने का विरोध शुरू हो गया है।
मुंबई महाराष्ट्र में शिवसेना गठबंधन सरकार है ऐसे में मराठी जनमानस मे सरकार से ज्याद उम्मीद है। अब यहां के लोगों में औरंगाबाद के प्रियदर्शिनी उद्यान में बालासाहेब ठाकरे स्मारक बनाने का मामला तूल पकड़ लिया है। स्मारक बनाने के लिए 5,000 पेड़ काटने का विरोध शुरू हो गया है।
इधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आदेश दिया है कि स्मारक के लिए किसी भी पेड़ को काटा नहीं जाए। औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) में पेड़ समिति के एक सदस्य और पर्यावरण कार्यकर्ता का कहना है कि, अगर यह भूमि स्मारक के लिए दी जाती है तो हम इसकी सुंदरता खो देंगे।
इस उद्यान में 7,500 पेड़ हैं, जिसे पहले एक निजी शैक्षणिक संस्थान को दिया गया और अब यह एएमसी के पास है। एक दूसरे सदस्य ने पेड़ काटने का विरोध करते हुए कहा कि इससे सार्वजनिक उद्यान की सुंदरता को क्षति पहुंचेगी। प्रियदर्शिनी पार्क में स्मारक बनना प्रस्तावित है और यह उद्यान रेंगने वाले कई जीवों और पक्षियों का घर है।
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इस संबंध में शिवसेना के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद चंद्रकात खैरे ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे से मौखिक आदेश मिला , जिसमें स्मारक बनाने के लिए किसी भी पेड़ को हाथ नहीं लगाने को कहा गया है। हम सभी पेड़ों को बचाते हुए स्मारक बनाएंगे।
गौरतलब है कि पेड़ों की कटाई के विवाद को लेकर ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे कार शेड पर स्थगन आदेश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में कहा है कि जबतक की आरे कारशेड की पूरी समीक्षा नहीं हो जाती तब तक आरे में पेड़ की टहनी भी नहीं काटने देंगे। आरे पर ठाकरे की भूमिका से जहां बीजेपी खफा है वहीं पर्यवरण प्रेमियों में खुशी है। अब औरंगाबाद में पेड़ काटकर बालासाहेब का स्मारक बनाने पर लोगों की नजरे टिकी है। महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना ने पहली सरकार बनाई है ।ऐसे में जनता शिवसेना को मराठी जनमानस के हित में बहुत कुछ करते देखना चाहती है।