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देश में जल्द चलेगी 'पॉड टैक्सी', जानिए कहा से होगी शुरुआत

suman
Published on: 27 Dec 2017 6:21 AM IST
देश में जल्द चलेगी पॉड टैक्सी, जानिए कहा से होगी शुरुआत
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जयपुर:देश की पहली बहुप्रतीक्षित पॉड टैक्सी योजना अब धरातल तक पहुंचने वाली है। एक उच्चस्तरीय समिति ने मंगाने की सिफारिश की है। भारत में पॉड टैक्सी के लिए अमेरिकी निकाय के नियमों की तर्ज पर कड़े सुरक्षा उपाय किये जायेंगे। पॉड टैक्सी योजना को पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) के नाम से भी जाना जाता है। 4,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की महत्वाकांक्षी परियोजना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को इस योजना को दिल्ली-गुरुग्राम रूट (12.30 किलोमीटर) में क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह परियोजना सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर लागू की जाएगी।

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परिवहन विशेषज्ञों की एक समिति ने इसके लिये नए सिरे से रुचि पत्र (ईओआई) जारी करने को कहा है। इसमें आटोमेटेड पीपल मूवर्स (एपीएम) मानकों और खूबियो के अलावा नीति आयोग की सिफारिशों से सामान्य सुरक्षा मानकों को शामिल किया जाएगा। इस पांच सदस्यीय समिति का गठन पीआरटी के तकनीकी और सुरक्षा मानकों के लिए किया गया है।इस महत्वाकांक्षी परियोजना में नीति आयोग द्वारा कुछ आपत्तियों की वजह से विलंब हुआ है। आयोग ने राजमार्ग मंत्रालय से कहा है कि वह शुरुआती बोली लगाने वाली कंपनियों से एक किलोमीटर का पायलट मार्ग तैयार करने को कहे क्योंकि इसके बारे में सभी प्रौद्योगिकियों की अभी तक परख नहीं हुई है। इसके बाद देरी उच्चस्तरीय समिति के गठन की वजह से हुई। इस समिति को सुरक्षा और अन्य चीजों को तय करना है।

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नितिन गडकरी ने मीडिया से कहा, बाधाएं दूर हो गई हैं, हम जल्द पॉड टैक्सी परियोजना के लिए निविदा जारी करेंगे। समिति की सिफारिशों के अनुरूप सुरक्षा चिंताओं को दूर किया जाएगा। यह धौला कुआं- मानेसर मार्ग पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए एक प्रमुख कदम होगा और इससे परिवहन में क्रांति आएगी। पीआरटी एक आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है जिसमें ट्रैक्सी की तरह की फीडर और शटल सेवाएं देने के लिए आटोमेटेड इलेक्ट्रिक पॉड कार का इस्तेमाल किया जाता है। यह सेवा यात्रियों के छोटे समूह के लिए होगी। समिति ने इच्छुक खिलाड़ियों के साथ विचार विमर्श के बाद ‘क्वोटेशन के लिए आवेदन' तैयार करने की सिफारिश की है। इसके अलावा समिति ने परीक्षण के खंड में प्रदर्शन के आधार पर आकलन की जरूरत भी बताई है।

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