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Gujarat: मेक्सिको से 250 शेर-बाघ आ रहे गुजरात, संरक्षण केंद्र में रखने की तैयारी

Gujarat: केंद्र ने "इस प्रजाति को जंगल में छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई है ताकि यह जानवर उन क्षेत्रों में फिर से आबाद हो सकें जहां वह व्यावहारिक रूप से गायब हो चुके हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 18 March 2023 2:49 PM IST
Gujarat: मेक्सिको से 250 शेर-बाघ आ रहे गुजरात, संरक्षण केंद्र में रखने की तैयारी
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मेक्सिको से 250 शेर-बाघ आ रहे गुजरात (photo: social media )

Gujarat: मेक्सिको लगभग 250 शेर, बाघ और तेंदुए भारत भेज रहा है। इन बाघों को गुजरात के एक संरक्षण केंद्र में रखा जाएगा।

एसोसिएशन ऑफ़ ज़ूज़, ब्रीडर्स एंड एक्वेरियम ऑफ़ मैक्सिको (एज़कार्म) और सिनालोआ स्थित एक पशु बचाव केंद्र, ओस्टोक अभयारण्य ने जानवरों को गुजरात स्थानांतरण की व्यवस्था करने की व्यवस्था की है।

200 बाघ शामिल

एज़कार्म संस्था के अध्यक्ष अर्नेस्टो ज़ज़ुएटा ने कहा है कि - हमने लगभग 200 बाघों के इस महत्वपूर्ण हस्तांतरण को पूरा करने के लिए भारत के ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम के साथ गहन काम किया है। केंद्र ने "इस प्रजाति को जंगल में छोड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई है ताकि यह जानवर उन क्षेत्रों में फिर से आबाद हो सकें जहां वह व्यावहारिक रूप से गायब हो चुके हैं।

50 शेर और तेंदुए

तबादले में करीब 50 शेर और तेंदुए भी शामिल थे। बताया गया है कि इन जानवरों को मेक्सिको के चिड़ियाघरों से रेस्क्यू किया गया या जब्त किया गया है। मेक्सिको ने हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले देखे हैं, जिसमें जुलाई 2022 में मेक्सिको सिटी के ब्लैक जगुआर व्हाइट टाइगर फाउंडेशन से लगभग 200 जानवरों का बचाव शामिल है।

मूल स्थानों में भेजने की योजना

शेर, बाघ जैसे जानवर मेक्सिको की अनुकूल जलवायु के चलते वहां सफलतापूर्वक प्रजनन कर सकते हैं, लेकिन इन जानवरों के लिए सबसे अच्छी जगह वह है जहाँ के वे मूल निवासी हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर का अनुमान है कि दुनिया के जंगलों में 4000 से भी कम बाघ बचे हैं। इन जानवरों के न सिर्फ प्राकृतिक आवास छिन रहे हैं बल्कि इनको शिकारियों से भी बहुत बड़ा खतरा है।

लंबी प्रक्रिया

एज़कार्म संस्था के अध्यक्ष अर्नेस्टो ज़ज़ुएटा ने कहा है कि मेक्सिको से इन जानवरों के स्थानांतरण की व्यवस्था करना एक लंबी और गहन प्रक्रिया थी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण अधिकारियों से दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता होती है और जानवरों को यात्रा का सामना करने के लिए पर्याप्त रूप से फिट सुनिश्चित करने के लिए कठोर स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता होती है।

बाघों को जंगल में फिर से छोड़ने के लिए डिज़ाइन किए गए एक अनुकूलन कार्यक्रम में प्रवेश करने से पहले अब उन्हें क्वारंटाइन अवधि से गुजरना होगा। ज़ज़ुएटा ने जोर देकर कहा कि उनका नया घर एक विशाल, प्राकृतिक संरक्षण केंद्र है, जहाँ जानवरों को अच्छी तरह से रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही 100 और जानवर हैं जिन्हें हम उसी तरह आगे बढ़ाएंगे। यहाँ हमारे देश में, उन्हें घर देने के लिए कई स्थान नहीं हैं, और इतने सारे बचाए गए, परित्यक्त और जब्त किये गए इन बड़े जानवरों को बनाए रखने के लिए पर्याप्त निजी या सार्वजनिक बजट नहीं है।



Neel Mani Lal

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