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PAK से छिन सकता है 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा, PM मोदी ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) के दर्जे की समीक्षा के लिए गुरुवार को बैठक बुलाई है। पीएम मोदी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर तय करेंगे कि पाकिस्तान का यह दर्जा बरकरार रखा जाए या नहीं।
क्या है मौजूदा स्थिति?
-मौजूदा समय में भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग 2.8 बिलियन डॉलर का कारोबार होता है।
-इसमें भारत से होने वाले निर्यात की हिस्सेदारी तक़रीबन 2.4 बिलियन डॉलर की है।
-वहीं पाकिस्तान से केवल 0.4 बिलियन डॉलर का आयात होता है।
आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पाक पर क्या होगा इसका असर ...
क्या कहना है जानकारों का?
पाकिस्तान में तैनात रहे पूर्व काउंसिल जनरल पीआर चक्रवर्ती ने कहा, 'यदि सरकार एमएफएन का दर्जा वापस लेती है तो पाकिस्तान का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा। वहीं भारत पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा।'
सिंधु जल संधि की समीक्षा बैठक की
गौरतलब है कि उरी हमले के बाद सोमवार को ही पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इसी के अगले चरण में अब मोदी सरकार एमएफएन पर पुनर्विचार करने जा रही है।
पाक ने भारत को नहीं दिया एमएफएन का दर्जा
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) का सदस्य होने की प्रतिबद्धता के चलते पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया गया था। डब्ल्यूटीओ के जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (जीएटीटी) के एमएफएन सिद्धांत पर भारत ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके मुताबिक डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों में से हर एक को सभी अन्य सदस्यों से व्यापारिक भागीदारों की तरह व्यापार करना होगा। पाकिस्तान ने भारत को 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा नहीं दे रखा है। जबकि भारत ने उसे ये अधिकार दिया है।
भारतीय उद्योग भी तलाशें विकल्प
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान से कारोबारी रिश्ते सीमित करने का असर भारतीय उद्योगों पर भी होगा। लेकिन ऐसा करने से पाकिस्तान का व्यापार अधिक प्रभावित होगा। इसलिए विशेषज्ञों की राय है कि पाक को सबक सिखाने के लिए सरकार को घरेलू उद्योगों को इस विकल्प के इस्तेमाल के लिए तैयार करना चाहिए।
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