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हाय रे लॉकडाउन: भूख से तड़प-तड़प कर हार गए मजदूर, फिर उठाया ये खौफनाक कदम

अब एक बार फिर ऐसी ही एक दर्दनाक खबर यूपी के बांदा से सामने आ रही है। जहां लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से परेशान हो कर दो प्रवासी मजदूरों ने आत्महत्या कर ली।

Aradhya Tripathi
Published on: 28 May 2020 8:42 AM GMT
हाय रे लॉकडाउन: भूख से तड़प-तड़प कर हार गए मजदूर, फिर उठाया ये खौफनाक कदम
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देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। देश में इस वायरस के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से देश में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन की स्थिति लागू है। लेकिन देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर कोई अंकुश नहीं लग सका है। उलटा देश में दो महीने से ज्यादा समय से जारी लॉकडाउन के चलते देश की आर्थिक व्यवस्था भी डामाडोल हो गई है। और देश में दिहाड़ी मजदूरों की हालत तो पूछों ही न। वो लॉकडाउन के चलते दो जून की रोटी तक को मोहताज हो गए हैं। ऐसे में अब ये मजदूर गलत कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। यूपी के बांदा से एक ऐसी ही दर्दनाक खबर सामने आ रही है।

आर्थिक तंगी के चलते की आत्महत्या

देश में पिछले दो महीने से ज्यादा के समय से जारी लॉकडाउन के चलते आए दिन देश के किसी कोने से कोई न कोई भयावह और दर्दनाक खबर सामने आ ही जाती है। अब एक बार फिर ऐसी ही एक दर्दनाक खबर यूपी के बांदा से सामने आ रही है। जहां लॉकडाउन के चलते आर्थिक तंगी से परेशान हो कर दो प्रवासी मजदूरों ने आत्महत्या कर ली। मटौंध थाने के प्रभारी निरीक्षक रामेंद्र तिवारी ने गुरुवार को बताया कि थाना क्षेत्र के लोहरा गांव के रहने वाले मजदूर सुरेश (22) ने बुधवार को खेत में एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली आत्महत्या कर ली

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पता चला है कि सुरेश लॉकडाउन की वजह से दुइल्ली में फंसा था। और अभी 5 दिन पहले ही अपने गांव लौटा था। मृतक के परिजनों के हवाले से पता चला कि दिल्ली से लौटने के बाद उसके पास सामान्य जरूरतों के लिए भी पैसे नहीं थे, जिसके चलते उसने फांसी लगा ली। फिलहाल शव का पोस्टमार्टम करवा लिया गया है। और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

राशन खरीदने तक के नहीं थे पैसे

जिले में ऐसा ही एक ही मामला सामने नहीं आया। ऐसी ही एक अन्य घटना पैलानी थाना क्षेत्र के सिंधन कलां गांव की है। यहां 10 दिन पूर्व मुंबई से लौटे प्रवासी मजदूर मनोज (20) ने बुधवार को अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी करने पर मृतक के पड़ोसी अभिलाष ने बताया कि मनोज मुंबई में एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कंपनी बंद हो गयी, जिससे वह गांव लौट आया था। मृतक के माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी है।

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वह अकेला मुंबई में रहता था। मुंबई से लौटने के बाद उसके पास राशन आदि भी खरीदने के लिए पैसा नहीं था। आँखे नाम कर देने वाला मंजर तो ये था कि मृतक के परिवार में कोई उसका अंतिम संकर करने वाला भी नहीं था। जिसके चलते पोस्टमार्टम के बाद ग्रामीणों ने मृतक मनोज का अंतिम संस्कार कर दिया। पैलानी के थाना प्रभारी निरीक्षक बलजीत सिंह ने बताया कि मृतक के गांव के लोग उसकी आत्महत्या की वजह आर्थिक संकट बता रहे हैं, मामले की जांच शुरू कर दी गयी है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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