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भारत में बढ़े करोड़पति, तादाद हुई 3.43 लाख...
नई दिल्ली: अगर आप ये सोंच रहे हैं कि नोटबंदी के बाद से लोगों के पास पैसे का अकाल हो गया है। तो भाईसाहब, आप गलत हैं। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश के सामने भले ही बेरोजगारी, असमानता, रूपये की गिरती साख जैसे मुद्दों की चुनौती हो। लेकिन बढ़ती असमानता से उपजी चिंताओं के बीच देश में करोड़पतियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है।
7300 नई एंट्री, कुल दौलत 441 लाख करोड़
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में भारत में मिलियनेयर क्लब यानी करोड़पतियों के क्लब में 7,300 नए लोगों की एन्ट्री हुई है। इस तरह देश में करोड़पतियों की तादाद 3.43 लाख हो चुकी है, जिनके पास सामूहिक रूप से करीब 6 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 441 लाख करोड़ रुपये की दौलत है।
वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत सबसे अधिक महिला अरबपतियों (एक अरब डॉलर यानी 73.5 अरब रुपये से ज्यादा संपत्ति वाली अमीर महिलाओं) वाले देशों में शुमार है। क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक, '2018 के मध्य तक भारत में कुल 3 लाख 43 हजार करोड़पति थे। पिछले एक साल में इनकी तादाद में 7,300 का इजाफा हुआ है।' क्रेडिट सुइस की 2018 ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नए बने करोड़पतियों में से 3,400 के पास 5-5 करोड़ डॉलर यानी 368-368 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है, जबकि 1500 के पास 10-10 करोड़ डॉलर यानी करीब 736-736 करोड़ रुपये की दौलत है।
इस अवधि में डॉलर के लिहाज से देश की संपत्ति 2.6 फीसदी की वृद्धि के साथ 6,000 अरब डॉलर रही। हालांकि देश में प्रति वयस्क संपत्ति 7,020 डॉलर पर ही बनी रही, इसकी अहम वजह डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या और गरीबी-अमीरी का फर्क बढ़ेगा। उस समय तक के बीच असमानता 53 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने की उम्मीद है। उस समय तक देश में करोड़पतियों की तादाद 5,26,000 होगी, जो 8,800 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक होंगे। भारत में लोगों की व्यक्तिगत सम्पत्ति जमीन-जायदाद और अन्य अचल सम्पत्तियों के रूप में है। पारिवारिक संपत्तियों में ऐसी संपत्ति का हिस्सा 91 प्रतिशत है।