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#Me Too: बुरे फंसे एमजे अकबर, लगातार बढ़ रहा था इस्तीफे का दबाव

राम केवी
Published on: 17 Oct 2018 11:57 AM GMT
#Me Too: बुरे फंसे एमजे अकबर, लगातार बढ़ रहा था इस्तीफे का दबाव
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रामकृष्ण वाजपेयी

केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर बुरी तरह से मी टू अभियान की गिरफ्त में फंस गए थे। और उन पर आरोपों का शिकंजा लगातार कस रहा था। जब यह खबर लिखी गई थी उस समय तक करीब छह महिला पत्रकार उन पर आरोप लगा चुकी हैं। एमजे पर इस्तीफे और जांच का दबाव बढ़ता जा रहा था। ऐसे में मोदी और भाजपा के लिए भी एमजे गले की फांस बन गए थे जो न तो निगले जा रहे थे न ही उगलते बन रहा था।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) भी मी टू अभियान के साथ खड़ा हो गया है। उसने इस पर बयान जारी कर उन महिला पत्रकारों की तारीफ की है जिन्होंने अपने साथ हुई ऐसी घटनाओं को सार्वजनिक करने की हिम्मत दिखाई है। एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि जिन मीडिया संस्थानों में इस तरह के मामले सामने आए है उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि एमजे के मंत्रालय की वरिष्ठ मंत्री सुषमा स्वराज इस बारे में पत्रकारों के सवालों को अनसुना कर चुप्पी साध गई हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस पर जवाब देने से ही इंकार कर दिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले में कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।

वहीं मोदी सरकार के दूसरे मंत्री उदित राज ट्वीट कर कैंपेन को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि गलत प्रथा की शुरुआत हुई है। उदित राज ने कहा है कि मी टू कैंपेन जरुरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है। वहीं केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने आरोपी को अपना पक्ष रखने और पूरे मामले की जांच की पैरवी की मांग की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने एमजे अकबर का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह गंभीर मामला है। सरकार की जिम्मेदारी है कि तुरंत उन्हें बर्खास्त कर दे।

मी टू कैम्पेन की चपेट में आने वाले एम जे अकबर पहले बड़े नेता हैं। हालांकि इससे पहले सेक्स स्कैंडल उजागर होते रहे हैं और नेताओं को नतीजे भुगतने पड़ते रहे हैं। सेक्स स्कैंडलों में कोई पीड़िता सामने आकर नहीं बोली सिर्फ सीडी उजागर हुई और नेता की छुट्टी हुई। लेकिन इस मामले में तो पीड़िताएं खुद सामने आकर आरोप लगा रही हैं जो कि अधिक गंभीर हो जाता है।

आपको याद होगा कि 2016 में जब आप पार्टी के महिला और बाल कल्याण विकास मंत्री संदीप कुमार को एक वीडियो सामने आने के बाद उनके पद से हटाया गया था।इस वीडियो में वह दो महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में नजर आए थे। इस मामले में कभी किसी महिला की शिकायत नहीं आई। लेकिन आप के एक और विधायक अमानुल्ला खान को छेड़खानी का आरोप लगने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।

इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी एक सनसनीखेज सीडी के शिकार हुए थे जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे। कहते हैं कि सिंघवी की ये सीडी उनके करीबी रह चुके एक व्यक्ति ने बनाई थी। सिंघवी की इसमें एक नहीं सुनी गई थी और अंततः सिंघवी को अपने पद से हटना पड़ा था।

2011 का बहुचर्चित भंवरी देवी कांड तो आप बिल्कुल भी भूले नहीं होंगे जिसमें राजस्थान में कांग्रेस सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा चपेट में आए थे। कहा जा रहा था कि भंवरी देवी एक सीडी की धमकी देकर कांग्रेस विधायक मलखान सिंह और मदेरणा से करोड़ों रुपये मांग रही थी। बाद में मदेरणा इस मामले में गिरफ्तार हुए पद प्रतिष्ठा दोनो गए।

बड़े नेता के रूप में स्व.एनडी तिवारी भी सेक्स स्कैंडल नहीं बच सके 2009 में राज्यपाल रहते हुए सीडी बनी और उन्हें माफी मांगते हुए इस्तीफा देना पड़ा। 1978 में जगजीवन राम के लड़के की तस्वीर ने उनका कैरियर ही खत्म कर दिया था।

अब जबकि एमजे अकबर का इस्तीफा हो गया है। देखना है कि यदि वह बेदाग बरी होते भी हैं तो भी उनका आभामंडल उनका कितना साथ दे पाता है।

राम केवी

राम केवी

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