TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

किसानों का सशक्तिकरण करना और ऋण माफी के बजाय उनकी आय बढ़ाने पर ध्यान

Rishi
Published on: 22 May 2017 9:21 PM IST
किसानों का सशक्तिकरण करना और ऋण माफी के बजाय उनकी आय बढ़ाने पर ध्यान
X

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने किसानों को दिए गए ऋण में किसी भी प्रकार की छूट की संभावना से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का उद्देश्य किसानों का सशक्तिकरण करना और ऋण माफी के बजाय उनकी आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं व पहलों में निवेश की है। सिंह ने अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारा उद्देश्य किसानों का सशक्तिकरण करना है। हम कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी और गोदामों की मरम्मत करना चाहते हैं। हम उन योजनाओं में निवेश कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है।"

ये भी देखें : बंगाल वाली दीदी बोलीं ! कृपया ध्यान दीजिए, बम बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी

उन्होंने कहा कि ऋण माफ करने से किसानों की समस्याएं खत्म नहीं होंगी, इसलिए सरकार का ध्यान कृषि वस्तुओं की कीमतें कम करने तथा किसानों को सुविधाएं प्रदान करने पर है। उत्तर प्रदेश द्वारा छोटे तथा सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने के बाद सभी प्रदेशों से किसानों के ऋण माफ करने की मांग उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह प्रदेश के किसानों के ऋण माफ कर देगी।

इस बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "प्रदेश में ऋण माफी का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार का था। हमारी (केंद्र) प्राथमिकता किसानों को साहूकारों के चंगुल में फंसने से बचाने की है। हम इसमें पारदर्शिता चाहते हैं। हमने अल्पकालिक ऋण के लिए क्रेडिट को 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।"

लगातार दो साल से सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के किसानों ने ऋण माफी की मांग को लेकर मार्च में राष्ट्रीय राजधानी में 40 दिवसीय आंदोलन शुरू किया था। बाद में, मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को किसानों के ऋण माफ करने को कहा।

साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने साल 2008 के बजट में छोटे तथा सीमांत किसानों के ऋण माफ कर उन्हें राहत प्रदान करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। कांग्रेस सहित अधिकांश विपक्षी पार्टियां देश भर में किसानों की ऋण माफी की मांग कर रही हैं।

इसी तरह की मांग महाराष्ट्र तथा पंजाब से भी आई है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के लगभग 150 किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को किए गए वादे याद दिलाने के लिए एक दिन की भूख हड़ताल की थी।

इसी तरह के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, ऑस्कर फर्नाडीस ने किसानों को भरोसा दिलाया कि संसद के आगामी सत्र में उनके मुद्दे उठाए जाएंगे।

इस साल मार्च में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष अरुं धती भट्टाचार्य ने कहा था कि ऋण माफी के प्रचलन से ऋण लेने वालों में गलत धारणा पैदा होगी। एसबीआई की अध्यक्ष के इस बयान पर राजनीति सहित विभिन्न हलकों में खासा बवाल हुआ था।

इस साल रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन होगा

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि पिछले दो वर्षो से अच्छे मॉनसून, किसान अनुकूल नीतियों तथा मोदी सरकार के फैसलों की बदौलत इस साल देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन लगभग 27.338 करोड़ टन अनुमानित है, जो वर्ष 2015-16 की तुलना में 8.67 फीसदी अधिक है।

राधा मोहन ने बीते तीन वर्षो के दौरान कृषि मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "साल 2014 में सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया। पिछले साल बारिश मौसम विभाग के अनुमान के आसपास हुई। इस साल भी विभाग ने सामान्य मॉनसून का अनुमान जताया है।"

उन्होंने कहा कि इस साल दलहनों का कुल उत्पादन 2.240 करोड़ टन अनुमानित है, जो अब तक का रिकॉर्ड उत्पादन होगा और पिछले वर्ष 2015-16 की तुलना में 37 फीसदी अधिक है।

अपने मंत्रालय की उपलब्धियों का हवाला देते हुए सिंह ने कहा कि लगभग 2.25 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए गए, जो उन्हें इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरकों की मात्रा पर फैसला करने तथा प्रभावी फसल उत्पादन का प्रबंधन करने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा, "अगले तीन वर्षो में सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिल जाएगा।"

सिंह ने कहा कि सरकार गांवों में छोटी प्रयोगशाला का विकास करने तथा मिट्टी की स्वास्थ्य की जांच के लिए छोटे उपकरण प्रदान करने की योजना पर विचार कर रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान मंत्रालय द्वारा किया जाने वाला खर्च अधिकतर बजटीय प्रावधानों से कम रहता था। उदाहरण के लिए वर्ष 2013-14 में बजटीय प्रावधान 30,224 करोड़ रुपये था, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (राजग) सरकार ने 45,035 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जिसे बाद में बढ़ाकर 57,503 करोड़ रुपये कर दिया गया।"

सिंह ने कहा, "संप्रग के कार्यकाल में साल 2010-14 के दौरान बजट में कुल 1,04,337 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कृषि क्षेत्र के लिए किया गया था, वहीं वर्तमान सरकार ने कृषि क्षेत्र को कुल 1,64,415 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि 57.58 प्रतिशत अधिक है।"

संप्रग के अंतिम तीन वर्षो की राजग से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में 16.9 फीसदी की वृद्धि, अंडा उत्पादन में 17.92 फीसदी की वृद्धि तथा मछली उत्पादन में 20.1 फीसदी की वृद्धि हुई।



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story