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मिर्जा ग़ालिब की प्रेम कहानी: शादीशुदा होने के बाद भी इस तवायफ से करते थे प्यार, जानें क्या हुआ अंजाम
Mirza Ghalib love story: मिर्जा गालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा के काला महल में हुआ था।
Mirza Ghalib love story: मिर्जा ग़ालिब को लेकर कई तरह की किस्से कहानियां बताई जाती है। इसी में एक यह भी है कि वो शादीशुदा होते हुए भी एक तवायफ से मिलने जाते थे। ऐसा कहा जाता है कि मिर्जा ग़ालिब उस तवायफ के प्यार में थे लेकिन कभी उन्होंने इसका इजहार अपनी तरफ से नहीं किया। बता दें कि मिर्जा ग़ालिब जिस तवायफ के प्यार में थे उसका नाम मुगल जान था। ग़ालिब हमेशा अपने पत्रों में प्यार का जिक्र करते थे। लेकिन कभी ऐलान नहीं किया। आज उनकी जयंती पर जानें उनसे जुड़े किस्से।
मिर्जा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा के काला महल में हुआ था। ग़ालिब वो उपनाम से लिखते थे जिसका मतलब विजेता था। जब ये 13 साल के थे तब इनका विवाह उमराव जान या उमराव बेगम से हो गया था। जोकि फिरोजपुर जिरका के नवाब इलाही बख्शी की भतीजी थीं। अपनी शादी के बाद मिर्जा ग़ालिब आगरा छोड़कर दिल्ली चले गए थे। और अपनी जिंदगी के लगभग 50 साल वो वहीं रहें। लेकिन मिर्जा ग़ालिब ने कभी भी दिल्ली में मकान नहीं खरीदा था। वो हमेशा किराए के मकान में रहे।
बच्चों की वजह से हुई पत्नी से अनबन
कहा जाता है कि मिर्जा ग़ालिब के सात बच्चे हुए थे। लेकिन कोई भी बच्चा ज्यादा दिनों तक जिन्दा नहीं रह पाया और सब की मौत हो गई। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि इसी कारण से ग़ालिब की उनकी पत्नी से आये दिन झगड़े होते थे। और फिर दोनों के बीच रिश्ते बिलकुल भी सामान्य नई बचे थे। शादीशुदा होने के बावजूद उनके प्यार के किस्से एक तवायफ के कोठे तक पहुंच गए थे। मुगलों के समय में तवायफ के कोठे पर जाना बड़ी ही आम बात थी। और ऐसा बताया जाता है की उसी दौरान मिर्जा ग़ालिब का नाम मुगल जान नामक लड़की से जुड़ गया था। उसके यहां गालिब जाया करते थे। कुछ कुछ जगहों पर लड़की का नाम नवाब जान भी बताया जाता था। मिर्जा ग़ालिब का नाम इनके साथ काफी लम्बे वक्त तक जुड़ा था। ग़ालिब अपने पन्नों में भी प्यार का जिक्र करते थे लेकिन कभी किसी का नाम नहीं लिया।