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INDIA Alliance: INDIA गठबंधन में दिल्ली-पंजाब को लेकर संकट गहराया, आप और कांग्रेस में घमासान के बाद अब नीतीश पर निगाहें

INDIA Alliance: दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी इन दोनों राज्यों में अपनी दावेदारी छोडने को तैयार नहीं है।

Anshuman Tiwari
Published on: 17 Aug 2023 2:48 AM GMT
INDIA Alliance: INDIA गठबंधन में दिल्ली-पंजाब को लेकर संकट गहराया, आप और कांग्रेस में घमासान के बाद अब नीतीश पर निगाहें
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INDIA Alliance (PHOTO: social media )

INDIA Alliance: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में सीटों को लेकर अभी से ही घमासान शुरू हो गया है। विशेष रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तालमेल काफी मुश्किल माना जा रहा है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी इन दोनों राज्यों में अपनी दावेदारी छोडने को तैयार नहीं है।

विपक्षी दलों की मुंबई बैठक से पहले दिल्ली की सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। इससे पूर्व कांग्रेस की पंजाब इकाई ने राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तालमेल की संभावना से इनकार कर दिया था। विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले दोनों दलों के बीच शुरू हुई यह खींचतान अच्छा संकेत नहीं मानी जा रही है। अब सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगी हुई हैं जो बुधवार को दिल्ली के दौरे पर पहुंचे हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश दोनों दलों की तल्खी दूर कराने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस की नजर

दरअसल कांग्रेस नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान बुधवार को दिल्ली में पार्टी की चुनावी रणनीति पर गहराई से मंथन किया गया। इस बैठक के महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समिति कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता अलका लांबा और हरीश चौधरी ने कहा कि पार्टी ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

अलका लांबा का कहना था कि दिल्ली का चुनाव पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है और नेतृत्व की ओर से हमें सातों सीटों पर चुनावी तैयारी करने के लिए कहा गया है। अब चुनाव में सिर्फ सात महीने बचे हैं। इसलिए सभी कार्यकर्ताओं से इस बाबत तैयारी में जुट जाने को कहा गया है। हरीश चौधरी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए दावा किया कि 2024 में हम जीतेंगे और 2025 में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।

आप ने मुंबई बैठक को लेकर दे डाली धमकी

इस बैठक के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इंडिया के घटक दलों की बैठक के दौरान सभी पार्टियों का शीर्ष नेतृत्व सीटों के बंटवारे पर आखरी फैसला लेगा। वहीं आम आदमी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने अलका लांबा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए यहां तक कह डाला के अगर कांग्रेस ने यह फैसला किया है तो हम मुंबई की बैठक में क्यों जाएं।

उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व इस बात का फैसला लेगा कि मुंबई जाना उचित है या नहीं। आम आदमी पार्टी की ओर से यह धमकी दिए जाने के बाद कांग्रेस रक्षात्मक मुद्रा में आ गई।

आप के तीखे तेवर से बैकफुट पर कांग्रेस

बाद में दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया की ओर से सफाई पेश की गई। बाबरिया का कहना था कि अलका लांबा पार्टी की प्रवक्ता जरूर हैं मगर ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने के लिए वे पार्टी की अधिकृत प्रवक्ता नहीं है। उनका कहना था कि दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आज की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने अलका लांबा के बयान का खंडन करते हुए दोनों पार्टियों के बीच शुरू हुए घमासान को शांत करने की कोशिश की। बाबरिया ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के बयान को लेकर आप को सलाह दी कि आप को मीडिया में इस तरह के बयान देने से पहले समझना चाहिए। पूरा मीडिया भाजपा को सपोर्ट करने के साथ ही विपक्षी गठबंधन के नेताओं को लड़ाने में लगा है। इसलिए सतर्कता बरतनी जरूरी है।

अब नीतीश के प्रयासों पर निगाहें

कांग्रेस प्रभारी की ओर से दोनों दलों के घमासान को शांत करने की कोशिशों के बावजूद मामला ठंडा पड़ता नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी एकजुटता के लिए काफी प्रयास करने वाले नीतीश कुमार पर टिक गई हैं। नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली के दौरे पर पहुंचे और वे आज भी दिल्ली में रुकेंगे। जानकारों का कहना है कि वे आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।

कांग्रेस ने हाल में दिल्ली विधेयक पर आम आदमी पार्टी का साथ देते हुए संसद में इस विधेयक का विरोध किया था। कांग्रेस के इस कदम के बाद केजरीवाल ने साथ देने के लिए कांग्रेस के प्रति आभार भी जताया था मगर अब दिल्ली की सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच घमासान शुरू हो गया है। पंजाब की कांग्रेस इकाई ने भी पिछले दिनों आम आदमी पार्टी और राज्य सरकार के खिलाफ तीखे बयान दिए थे।

और तेज हो सकती है खींचतान

मुंबई बैठक से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दो प्रमुख दलों के बीच शुरू हुआ यह घमासान विपक्षी एकजुटता के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है। पटना और बेंगलुरु के बाद विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली है मगर इस बैठक से पूर्व ही कांग्रेस और आप के बीच तलवारें खिंच गई हैं।

माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक आने पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच शुरू हुआ यह घमासान और तेज हो सकता है। सियासी जानकारी का मानना है कि ऐसी स्थिति में भाजपा इसका सियासी फायदा उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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