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Mission 2024: भाजपा में कटेंगे तमाम सांसदों के टिकट, पार्टी करा रही गोपनीय सर्वे, चुनाव क्षेत्र में निष्क्रियता पड़ेगी भारी
Mission 2024: पार्टी सूत्रों का मानना है कि सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही अगले चुनाव में टिकट बंटवारे का फैसला किया जाएगा।
Mission 2024: लगातार तीसरी बार देश की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मिशन 2024 में जीत हासिल करने के लिए पार्टी की ओर से सांसदों के कामकाज का बेहद गोपनीय ढंग से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। पार्टी सूत्रों का मानना है कि सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही अगले चुनाव में टिकट बंटवारे का फैसला किया जाएगा।
इस रिपोर्ट कार्ड में सांसद की कार्यशैली और छवि के संबंध में भी गहराई से जानकारी ली जा रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से सांसदों से क्षेत्र में सक्रिय रहने को कहा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि क्षेत्र में निष्क्रिय रहने वाले और अच्छी छवि न रखने वाले सांसदों पर गाज गिरना तय है। जानकारों का मानना है कि ऐसे सांसदों का अगले लोकसभा चुनाव में टिकट काटने की तैयारी है।
पीएम मोदी भी दे चुके हैं नसीहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर सांसदों को अपने चुनाव क्षेत्रों में सक्रिय रहने की नसीहत देते रहे हैं। हाल में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान भी उन्होंने सांसदों को क्षेत्र में सक्रिय रहने और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी मतदाताओं तक पहुंचाने का निर्देश दिया था। भाजपा सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री की ओर से ही सांसदों को यह नसीहत बेवजह नहीं दी गई थी। कई सांसदों के क्षेत्र में निष्क्रिय होने की जानकारी शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची है। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व सांसदों की निष्क्रियता और छवि को लेकर सतर्क हो गया है।
दरअसल भाजपा 2014 और 2019 की तरह 2024 में भी उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है। 2014 और 2019 में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका रही है और पार्टी अगले लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। इसीलिए सांसदों के कामकाज, क्षेत्र में सक्रियता और छवि को लेकर सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
यूपी में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती पार्टी
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 64 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि दो सीटों पर सहयोगी दल अपना दल (एस) को जीत मिली थी। 2014 के चुनाव में पार्टी को प्रदेश में इससे भी बड़ी जीत हासिल हुई थी। 2014 और 2019 में तमाम सांसदों की जीत में मोदी लहर की बड़ी भूमिका मानी गई थी। ऐसे तमाम सांसदों के क्षेत्र में सक्रिय न रहने की शिकायतें मिली हैं।
भाजपा कार्यसमिति की पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पार्टी नेताओं को अब इस सोच को बदलना होगा कि हर बार मोदी के नाम पर चुनाव जीत लेंगे। उन्हें क्षेत्र में सक्रिय रहना होगा और मतदाताओं के साथ सीधा संपर्क साधना होगा। जानकारों के मुताबिक भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहता। इसलिए ऐसे सांसदों के टिकट काटने की तैयारी है जिन्हें लेकर शिकायतें शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची हैं।
सीएम योगी ने भी बढ़ाई सक्रियता
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रियता बढ़ा दी है। उन्होंने हाल में कई मंडलों के सांसदों और विधायकों से मुलाकात की थी और क्षेत्र में सक्रिय रहने और प्रदेश सरकार के साथ समन्वय बनाकर चलने की नसीहत दी थी। उनका कहना था कि सांसदों को क्षेत्र में अधिक समय देना चाहिए और जनता से सीधा जुड़ाव स्थापित करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी की नसीहत को भी सांसदों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि विपक्ष की बढ़ती चुनौतियों के कारण भाजपा चुनावी तैयारियों में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। इसीलिए सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार कराया जा रहा है ताकि टिकट बंटवारे में सही फैसला लिया जा सके।