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दिसंबर 2021 में भारतीयों को लेकर उड़ेगा मिशन गगनयान, मिशन की ये खास बातें

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पिछले साल की उपलब्धियां गिनाते हुए आज 2019 के लक्ष्यों और अपने बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारियों के बारे में कई खास बातें बताईं।

Anoop Ojha
Published on: 11 Jan 2019 9:21 AM GMT
दिसंबर 2021 में भारतीयों को लेकर उड़ेगा मिशन गगनयान, मिशन की ये खास बातें
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बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पिछले साल की उपलब्धियां गिनाते हुए आज 2019 के लक्ष्यों और अपने बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारियों के बारे में कई खास बातें बताईं। इस मिशन के तहत तीन सदस्यीय क्रू कम से कम 7 दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएगा। इसकी फाइनल लॉन्चिंग से पहले दो मानव रहित मिशन भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।

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मोदी सरकार ने पिछले साल ही 10 हजार करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी थी।अगर यह सब निर्धारित समय के अंदर ऐसा होगया तो हमारा देश विश्व का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज सकेगा।इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि भारत इस साल अप्रैल तक चंद्रयान-2 के भी लांचिंग की तैयारी में है। गगनयान मिशन के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया था।

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अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स के नाम से जाना जाएगा

गगनयान के तहत शुरुआती ट्रेनिंग भारत में होगी जबकि इसकी एडवांस ट्रेनिंग रूस में दी जाएगी। अंतरिक्ष में जाने वाले दल में महिला भी होंगी।

पिछले महीने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि भारत 2022 तक अपने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजेंगे।

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केंद्र सरकार ने इस मिशन को ऐतिहासिक बताया था।

इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी एमके तीन का इस्तेमाल करने की योजना में हैं।

अंतरिक्ष में जाने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स के नाम से जाना जाएगा।

व्योम एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ अंतरिक्ष होता है।

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गगनयान मिशन में मदद के लिए भारत रूस और फ्रांस से भी मदद ले रहा है।

इसरो अभी तक इस मिशन पर 173 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। बता दें कि इस योजना को सबसे पहले 2008 में सामने रखा गया था।

चंद्रयान -2 मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है। इस मिशन की मदद से चांद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाएगी।

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चंद्रयान-2 इस साल मार्च और अप्रैल के बीच लांच किया जाना है। इसे लेकर इसरो अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है।

बीते कुछ वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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