One Nation One Election: 'वन नेशन वन इलेक्शन' प्रस्ताव मंजूर, सरकार शीत सत्र में लाएगी बिल

One Nation One Election: मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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Newstrack Network
Published on: 18 Sep 2024 9:20 AM GMT (Updated on: 18 Sep 2024 10:04 AM GMT)
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One Nation One Election (Pic: Social Media)

One Nation One Election: सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शीतकालीन सत्र में सरकार सदन में बिल पेश करेगी। इस पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी ने रिपोर्ट दी है। समिति ने इस मामले पर मार्च में रिपोर्ट सौंप दी थी। इसमें दिए गए सुझावों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए। इस चुनाव के संपन्न होने के 100 दिन के भीतर ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने चाहिए। फिलहाल देश में सभी चुनाव अलग अलग कराए जाते हैं। प्रस्ताव पास होने के बाद सरकार शीतकालीन सत्र में सदन में बिल पेश करेगी।

राम नाथ कोविंद की समिति ने मार्च में सौंपी थी रिपोर्ट

वन नेशन वन इलेक्शन पर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई। आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट को कैबिनेट के समक्ष रखना कानून मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा था। उच्च-स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गई थी। पैनल ने समिति द्वारा की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन को देखने के लिए एक 'कार्यान्वयन समूह' की स्थापना का भी प्रस्ताव दिया था। समिति ने 62 पार्टियों से संपर्क किया था। इनमें से 15 राजनीतिक पार्टियों ने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। 32 पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन पर समर्थन जाहिर किया। वहीं 15 दलों ने इसका विरोध किया।

पैनल ने की है 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश

पैनल ने कहा था कि एक साथ मतदान से संसाधनों को बचाने में, विकास और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पैनल ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा एक सामान्य मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की। वर्तमान में, चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है। पैनल ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। हालाँकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित करने की आवश्यकता होगी।

मौजूदा कार्यकाल में ही लागू कराएंगे- अमित शाह

कल यानी मंगलवार को अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन में हुए कार्य को गिनाया था। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि सरकार की योजना इसी कार्यकाल में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की व्यवस्था लागू करने की है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में भी इस बात का जिक्र किया था। पीएम मोदी और भाजपा लंबे समय से वन नेशन वन इलेक्शन लाने की बात करते रहे हैं। इस मुद्दे पर पार्टी हमेश पक्ष में ही नजर आई है। एक बयान में पीएम ने कहा था कि पांच साल के कार्यकाल के दौरान चुनाव ही नहीं होते रहने चाहिए। पीएम मोदी का कहना है कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने में संपन्न हो जाना चाहिए। पूरे पांच साल चुनाव होने से चुनाव प्रबंधन में अतिरिक्त खर्च होता है। साथ ही पीएम ने कहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन समय की मांग है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

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मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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