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मोदी सर का मंत्र : रूढ़िगत मानसिकता छोड़ें आईएएस अधिकारी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को युवा आईएएस अधिकारियों को बदलाव को स्वीकार न करने वाली रूढ़िगत मानसिकता छोड़ने और भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को 'नए भारत' की ऊर्जा से भरने की सलाह दी।
प्रधानमंत्री ने सहायक सचिवों के पहले सत्र में 2015 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए देश की प्रगति को लेकर टिप्पणी की, जो प्रधानमंत्री के अनुसार आजादी के बाद से दूसरों की अपेक्षा पीछे रह गई है।
एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत के बाद आजादी पाने वाले देशों को भारत की अपेक्षा संसाधनों की कहीं अधिक कमी झेलनी पड़ी, इसके बावजूद उन देशों ने विकास की नई ऊंचाइयां छू ली हैं।"
मोदी ने कहा कि 'बदलाव लाने के लिए साहस की जरूरत होती है' और 'विभाजित प्रशासनिक ढांचा अधिकारियों को अपनी सम्मिलित सर्वोच्च क्षमता से प्रदर्शन करने से रोकता है'।
प्रधानमंत्री ने कहा, "व्यवस्था में सुधार के लिए गतिमान बदलाव की जरूरत है।"
उन्होंने युवा अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे प्रशिक्षण के शुरुआती तीन महीनों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुक्त होकर बात करें ताकि व्यवस्था को उनकी सम्मिलित ऊर्जा और नए विचारों का तथा वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव का लाभ मिल सके।