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Modi Cabinet Decision: तेल कंपनियों के लिए मोदी सरकार ने खोल दी तिजोरी, 22 हजार करोड़ रूपये की देगी मदद

Modi Cabinet Decision: मोदी केंद्रीय कैबिनेट ने सबसे बड़ा फैसला तेल कंपनियों के लिए लिया है। वित्त मंत्रालय सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 22 हजार करोड़ रूपये का कैश पेमेंट देने के लिए तैयार हो गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 Oct 2022 9:59 PM IST
Modi Cabinet Decision
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Modi Cabinet Decision। (Social Media)

Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई। केंद्रीय कैबिनेट (Cabinet Decision) ने सबसे बड़ा फैसला तेल कंपनियों के लिए लिया है। सरकारी तेल कंपनियों को हो रहे घाटे की भरपाई के लिए सरकार ने अपनी तिजोरी खोल दी है। दरअसल, तेल कंपनियों को लागत से कम भाव पर पेट्रोल-डीजल और गैस बेचने पर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए सरकार मदद को आगे आई है।

इन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पहुंतेगा फायदा

वित्त मंत्रालय सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (Finance Ministry Government Oil Marketing Companies) को 22 हजार करोड़ रूपये का कैश पेमेंट देने के लिए तैयार हो गई है। इस फैसले से ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को फायदा पहुंचेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट में हुए इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि ये कंपनियां एलपीजी गैस बाजार दर से नीचे बेचकर नुकसान उठा रहा है, ऐसे में ये अनुदान देकर सरकार उन्हें राहत दे रही है।

गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन के बीच जंग (Russia-Ukriane War) तेज होने और पेट्रोलियम उत्पादक देशों का समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती किए जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें काफी बढ़ी हैं। मगर ईंधन की घरेलू कीमतों में कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ है। जिससे तेल कंपनियों को नुकसान हो रहा है।

पेट्रोल-डीजल में सरकार ने केंद्रीय करों में कमी की थी: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, पेट्रोल-डीजल में सरकार ने केंद्रीय करों में कमी की थी और बीजेपी शासित राज्यों ने भी कमी की थी। समय-समय पर सरकार ने ऐसे कई कदम उठाए हैं। हम तेल बाहर से ही आयात करते हैं और पूरी दुनिया में कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतें किसी से छिपी नहीं है। सरकार ने जनता पर अंतरराष्ट्रीय कीमतों का बोझ न पड़े, इसके लिए कई कदम उठाए हैं।

बता दें कि रिजर्व बैंक की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई दर थमने का नाम नहीं ले रही है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ये दर रिजर्व बैंक के तय 6 फीसदी के दायरे से बाहर है। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतें बढ़ती है तो महंगाई और बेकाबू हो जाएगी। यही वजह है कि सरकार सरकारी तेल कंपनियों को ग्रांट देकर पब्लिक को एक और झटके से बचाने की कोशिश कर रही है।



Deepak Kumar

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