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Supreme Court में 5 नए जजों की नियुक्ति, कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार की मुहर
Supreme Court: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 5 नए जजों की नियुक्ति की है। शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में ही इन नामों की सिफारिश की थी।
Supreme Court : केंद्र सरकार और न्यायपालिका (Judiciary) के कॉलेजियम को लेकर विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के लिए पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी मिल गई। सर्वोच्च न्यायालय के कठिन सवालों का एक दिन पहले ही जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि 5 जजों की नियुक्ति को लेकर लंबित सिफारिशों पर रविवार तक घोषणा कर दी जाएगी। सरकार ने कहे अनुसार शनिवार (04 फरवरी) को नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की सिफारिशों पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग चुकी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को अब पांच नए जज मिल गए हैं। संभवतः सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में नए जज शपथ ले सकते हैं। सर्वोच्च अदालत में जजों की संख्या बढ़कर अब 32 हो जाएगी। शेष दो सिफारिशों पर अगले हफ्ते नियुक्ति हो सकती है।
ये हैं सुप्रीम कोर्ट के 5 नए जज
केंद्र सरकार से जिन 5 नामों को मंजूरी मिली है, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल (Pankaj Mithal), पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल (Sanjay Karol), मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार (PV Sanjay Kumar), पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (Ahsanuddin Amanullah) और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) का नाम शामिल है।
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर ये जानकारी दी।
कोर्ट के 'सख्त फैसले' पर कानून मंत्री का जवाब
गौरतलब है कि, एक दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने जजों की नियुक्ति को स्वीकृति न मिलने पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था, हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर ना करें। इस बीच, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law Minister Kiren Rijiju) ने बड़ा बयान देते हुए कहा था, कि 'मैंने आज एक मीडिया रिपोर्ट देखी, जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। भारतीय संविधान हमारा मार्गदर्शक है। कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता।'
क्या कहा था शीर्ष अदालत ने?
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद देश के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में देरी का मामला लगातार तूल पकड़ने लगा था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था। सरकार और न्यायपालिका आमने-सामने थी। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि नियुक्ति के संबंध में रविवार तक निर्णय लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) और जस्टिस अभय एस ओक (Justice Abhay S Oak) की बेंच 13 फरवरी को सुनवाई करेगी। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (Attorney General R Venkataramani) ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में खाली पदों की भर्ती पर रविवार तक फैसला हो जाएगा। ऐसी ही हुआ।