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मोदी कैबिनेट की मीटिंग, न्यूक्लियर रिएक्टर्स से लेकर सड़क तक लिए गए ये बड़े फैसले
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार (17 मई) को हुई मीटिंग में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखा दी गई। यह मीटिंग पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई।
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार (17 मई) को हुई मीटिंग में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखा दी गई। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में 10 स्वदेशी न्यूक्लियर रिएक्टर्स लगाने की मंजूरी दे दी है। प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर्स के लिए यह मंजूरी भारत के न्यूक्लियर पावर प्रोग्राम को फास्टट्रैक पर ले जाने की ओर बड़ा कदम है। इन रिएक्टर्स के जरिए 7000 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। ये क्लीन एनर्जी पैदा करने में मदद करेगा।
इसके अलावा मातृत्व कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक प्रसूता को पहले बच्चे के जन्म के समय 6 हजार रुपए की सहायता राशि देने की मंजूरी दे दी है। 6 हजार रुपए में से 5 हजार रुपए महिला और बाल कल्याण विभाग द्वारा तीन किस्तों में दिए जाएंगे। राशि सीधे प्रसूता के खाते में जमा होगी यह योजना 1 जनवरी 2017 से लागु होगी।
इसके अलावा केंद्र सरकार को संरक्षित स्मारकों के आसपास निषिद्ध क्षेत्र की सीमा के भीतर बुनियादी संरचना परियोजनाओं पर काम करने की अनुमति मिलेगी।
देश भर में रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी गई। केंद्रीय बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीसीईए ने 700 किलोमीटर की रेल परियोजना को मंजूरी दी है। सरकार ने आंध्र प्रदेश में गुंटुर-गुंटकल रेल लाइन के विद्युतीकरण और दोहरीकरण को मंजूरी दी है, जिसकी लंबाई 401.47 किलोमीटर है। इसकी लागत 4,201 करोड़ रुपए है।
इस परियोजना के लिए राज्य सरकार और रेल मंत्रालय आधा-आधा राशि देंगे। सीसीईए ने मनमाड-जलगांव रेल परियोजना की 160 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन को और उसके विद्युतीकरण को भी मंजूरी दे दी है।
इस परियोजना से दिल्ली-मुंबई और मुंबई-कोलकाता के बीच रेल सेवा बेहतर होगी। इसकी लागत 1,198 करोड़ रुपए है और इससे 32 लाख कार्यदिवस के रोजगार पैदा होंगे।
उत्तर प्रदेश के फेफना-इंदारा और मऊ-शाहगंज रेल लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इस पर 1,190.98 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे 30 लाख कार्यदिवस रोजगार पैदा होंगे।
गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्ग-8ई पर पोरबंदर-द्वारका खंड के उन्नयन की 1,959 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एनएच-8ई के पोरबंदर-द्वारका खंड को चार लेन का करने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,958.88 करोड़ रुपए है।
इसमें जमीन अधिग्रहण की लागत के अलावा पुनर्वास और पुनर्स्थापना तथा निर्माण पूर्व गतिविधियों की लागत शामिल है। परियोजना के तहत करीब 118 किलोमीटर सड़क का विकास किया जाएगा। इसका कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण चार के तहत हाइब्रिड एन्यूइटी तरीके से किया जाएगा।
सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान आर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड (एचओसीएल) की 1008.67 करोड रपये की पुनर्गठन योजना को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिली है। पुनर्गठन योजना के तहत रासायनी, महाराष्ट्र स्थित एचओसीएल की इकाई बंद कर दी जाएगी। जिसमें इसका डाई नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड का संयंत्र शामिल नहीं है। इस संयंत्र को इसरो को स्थानांतरित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 में संशोधनों को मंजूरी प्रदान की, जिससे अधिकारियों को यह शक्ति मिलेगी कि वे अगर सरकारी आवास में लोगों के अधिक समय तक ठहरने की अपील से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें तीन दिन के अंदर बेदखल कर सकते हैं। इन संशोधनों में ये प्रावधान भी हैं कि ऐसे लोग अधिक समय तक आवास में रहने की अपील लेकर हाई कोर्ट के नीचे की किसी कोर्ट में नहीं जा सकेंगे।