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योग दिवस के बाद अब धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाएगी मोदी सरकार
योग दिवस (21 जून) को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने के बाद अब मोदी सरकार ने धन्वंतरी जयंती या धनतेरस के दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाने का फैसला किया है। इस संबंध में केंद्र सरकार के आयुष विभाग द्वारा सभी राज्यों को सर्कुलर भेजा गया है।
नई दिल्ली: योग दिवस (21 जून) को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने के बाद अब मोदी सरकार ने धन्वंतरी जयंती या धनतेरस के दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाने का फैसला किया है। इस संबंध में केंद्र सरकार के आयुष विभाग द्वारा सभी राज्यों को सर्कुलर भेजा गया है।
क्या है राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की थीम ?
-सर्कुलर में कहा गया है कि इस प्राचीन विज्ञान को हमेशा से ही नजरअंदाज किया गया है।
-भारतीय परंपराओं के अनुसार, धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की तरह मनाया जाएगा।
-राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की थीम ‘मधुमेह से बचाव और नियंत्रण के लिए आयुर्वेद’ होगी।
-इस मौके पर मिनिस्ट्री ऑफ आयुर्वेद, योगा एंड नेचुरोपैथी, युनानी, सिद्ध एंड होम्याेपैथी (आयुष) 'मिशन मधुमेह' (आयुर्वेद के जरिए) भी शुरू करेगा।
-जिसमें मधुमेह से बचाव और इसका इलाज आयुर्वेद से करने पर जोर दिया जाएगा।
28 अक्टूबर, 2016 को मनाया जाएगा पहला राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
-शुक्रवार को पहले राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
-दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में आयुष मंत्री श्रीपाद यशो नाइक और प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद होंगे।
-यहां धन्वंतरी पूजन के साथ ही आयुर्वेद दिवस का लोगो भी जारी किया जाएगा।
लोगों को किया जाएगा जागरूक
-आयुष मंत्रालय के मुताबिक, धनवंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और यह उचित होगा कि राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस धनवंतरि जयंती या धनतेरस पर मनाया जाए।
-राज्य आयुष निदेशालयों, आयुर्वेद शिक्षा संस्थानों और फार्मास्यूटिकल कंपनियों द्वारा इस अवसर पर सार्वजनिक चर्चा, सेमिनार और प्रदर्शन लगाए जाएंगे।
-इस मौके पर कई जगह हेल्थ चेक-अप कैंप और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।